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Earthquake: भारत समेत 3 देशों में लगे भूकंप के झटके, ईरान में 5.6 रही तीव्रता

Earthquake Tremors: भूकंप के झटके आए दिन धरती को हिला रहे हैं। आज फिर भारत में भूकंप आया। भारत के अलावा ईरान और ताजिकिस्तान में भी भूकंप के झटके लगे। तीनों देशों में भूकंप की तीव्रता 2 से लेकर करीब 6 तक रही। आइए जानते हैं कि भूकंप कब आया और कहां-कैसा असर रहा?

भारत में भूकंप को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है।
Earthquake Hits Earth: भूकंप के झटकों से एक बार फिर धरती कांप गई। आज सुबह भारत, ताजिकिस्तान और ईरान में भूकंप के झटके लगे। देर रात 12 बजे के बाद अलसुबह 5 बजे तक तीनों देशों में भूकंप ने दहशत फैलाई। हालांकि तीनों देशों में भूकंप से किसी तरह के जान माल के नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। सबसे पहले भूकंप भारत के असम राज्य के नागांव जिले में आया। देर रात करीब 12 बजकर 56 मिनट पर भूकंप के झटके लगे, जिनकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.9 मापी गई।वहीं इस भूकंप का केंद्र धरती के नीचे 40 किलोमीटर की गहराई में मिला। 8 जुलाई को भी कार्बी आंगलोंग जिले में भूकंप के झटके लगे थे, जिनकी तीव्रता 4.1 थी।  

ताजिकिस्तान और ईरान में भी आया भूकंप

भारत के बाद ताजिकिस्तान में भूकंप के झटके लगे, जिनकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4 मापी गई। इस भूकंप का केंद्र धरती के नीचे 160 किलोमीटर की गहराई में मिला। ताजिकिस्तान में भूकंप देर रात करीब एक बजे आया। अलसुबह ईरान में भूकंप आया, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.6 मापी गई। इस भूकंप का केंद्र ईरान की राजधानी तेहरान के पास मिला।

जुलाई के 20 दिन में 4 बार आ चुका भूकंप

ANI की रिपोर्ट के अनुसार, ताजिकिस्तान में जुलाई महीने में आज चौथी बार भूकंप आया है। इससे पहले गत 18 जुलाई को भी भूकंप आया था, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.8 मापी गई थी। इस भूकंप का केंद्र धरती के अंदर 10 किलोमीटर नीचे उथली गहराई में मिला। इससे पहले 12 जुलाई को भी 2 बार भूकंप आया था। पहले भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.8 थी, जिसका केंद्र धरती के नीचे 60 किलोमीटर की गहराई में मिला। दूसरे भूकंप की तीव्रता 4.2 थी और केंद्र धरती के नीचे 107 किलोमीटर की गहराई में मिला था। इससे पहले 21 जून को 4 की तीव्रता वाला भूकंप आया था, जिसका केंद्र धरती के नीचे 140 किलोमीटर की गहराई में मिला था। यह भी पढ़ें: 2025 में लगातार आ रहे भूकंप, कितना बड़ा खतरा? जानिए भविष्य पर क्या कहते हैं साइंटिस्ट

पहाड़ी देश होने के कारण नुकसान का खतरा ज्यादा

बता दें कि ताजिकिस्तान पहाड़ी देश है और भूकंप, बाढ़, सूखा, लैंड स्लाइड, हिमस्खलन के मद्देनजर काफी संवदेनशील देश है। इस देश में ग्लेशियर से निकलने वाली नदियां सिंचाई का साधन हैं। भूकंप आने से अकसर इन ग्लेशियर हिलते हैं, जिससे हिमस्खलन होने के साथ-साथ नदियां उफान पर बहने लगती हैं। वहीं पहाड़ी देश होने के चलते भूकंप आने पर लैंड स्लाइड का खतरा भी बना रहता है।


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