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पाकिस्तान के बाद अब भारत के लेह में भूकंप के झटके, इतनी रही तीव्रता, 10 किलोमीटर गहराई पर था केंद्र

Earthquake in Leh after pakistan: पाकिस्तान के बाद भारत के लेह में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप की तीव्रता 4.1 मापी गई. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई पर था. एनसीएस ने अपने आधिकारिक हैंडल पर क्या लिखा?

रूस में बीती रात भी 6 से ज्यादा की तीव्रता का भूकंप आया था.

Earthquake in Leh after pakistan: पाकिस्तान में दोपहर बाद भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, शाम होते ही भारत के लेह में भी 4.1 तीव्रता के भूकंप के झटके लगे. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार दोनों देशों के भूकंप में केवल यह अंतर था कि पाकिस्तान में आए 3.6 तीव्रता के भूकंप का केंद्र जमीन से 160 किलोमीटर की गहराई पर था, जबकि भारत के लेह में आए भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई पर था. एनसीएस ने अपने आधिकारिक हैंडल पर पोस्ट शेयर कर भूकंप की जानकारी दी.
एएनआई के अनुसार उथले भूकंप आमतौर पर गहरे भूकंपों की तुलना में अधिक खतरनाक होते हैं, ऐसा इसलिए है क्योंकि उथले भूकंपों से उत्पन्न भूकंपीय तरंगों की सतह तक पहुंचने की दूरी कम होती है, परिणामस्वरूप ज़मीन ज्यादा हिलती है और अधिक नुकसान होने की संभावना होती है, साथ ही अधिक मानवहानि भी होती है.

पहले पाकिस्तान में आया था 3.6 तीव्रता का भूकंप

राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) के एक बयान में कहा गया है कि शनिवार को पाकिस्तान में 3.6 तीव्रता का भूकंप आया. भूकंप 160 किलोमीटर की गहराई पर आया. इससे पहले 24 अक्टूबर को, 3.7 तीव्रता का एक और भूकंप इस क्षेत्र में 10 किलोमीटर की उथली गहराई पर आया था, जिससे यह क्षेत्र आफ्टरशॉक्स के लिए अतिसंवेदनशील हो गया था. उथले भूकंप आमतौर पर गहरे भूकंपों की तुलना में ज़्यादा ख़तरनाक होते हैं.

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भूकंप के लिहाज से दुनिया में सबसे सक्रिय

अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान और उत्तरी भारत भूकंप के लिहाज से दुनिया के सबसे सक्रिय क्षेत्रों में से एक में स्थित हैं. यहां भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटें मिलती हैं. इस क्षेत्र में अक्सर मध्यम से लेकर तेज़ भूकंप आते रहते हैं, जो अक्सर सीमाओं के पार भी महसूस किए जाते हैं. पाकिस्तान दुनिया के भूकंपीय रूप से सक्रिय देशों में से एक है. यह टकराव क्षेत्र देश को भीषण भूकंपों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील बनाता है. बलूचिस्तान, ख़ैबर पख्तूनख्वा और गिलगित-बाल्टिस्तान जैसे प्रांत यूरेशियन प्लेट के दक्षिणी किनारे पर स्थित हैं, जबकि सिंध और पंजाब भारतीय प्लेट के उत्तर-पश्चिमी किनारे पर स्थित हैं, जिससे अक्सर भूकंप आते रहते हैं.

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