नई दिल्ली: नक्सलवाद को खत्म करने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने दक्षिण छत्तीसगढ़ में भर्ती अभियान शुरू किया गया है। यहां के तीन जिलों बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा से करीब 400 उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा। इससे बल की 'बस्तरिया बटालियन' मजबूत होगी। यह बल की एक विशेष इकाई है। जिसे जंगल युद्ध रणनीति में महारथ हासिल है।
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जानकारी के मुताबिक 10 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक आयोजित 10-दिवसीय अभियान का उद्देश्य सीआरपीएफ की 'बस्तरिया बटालियन' में कांस्टेबल के पद के लिए 400 उम्मीदवारों का चयन करना है। जिससे बल में भाषा, संस्कृति, स्थलाकृति और जनसांख्यिकी ताकि इसके खुफिया संग्रह और संचालन को मजबूत किया जा सके।
सीआरपीएफ के अधिकारियों ने कहा कि इस अभियान को स्थानीय युवाओं से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। देश की सेवा करने की तीव्र इच्छा मन में लिए बड़ी संख्या में युवा इसमें भाग ले रहे हैं। सीआरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि गृह मंत्रालय द्वारा बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा के स्थानीय युवाओं के लिए यह अभियान चलाया जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के आदिवासियों के लिए सीआरपीएफ में शामिल होने के लिए शैक्षिक मानदंडों में ढील देने के लगभग चार महीने बाद यह कदम उठाया गया है।
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गौरतलब है कि इस साल जून में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने छत्तीसगढ़ के तीन नक्सल प्रभावित जिलों- बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा के आदिवासी युवाओं के लिए सीआरपीएफ में शामिल होने के लिए पात्रता मानदंड में ढील दी गई थी। मंत्रिमंडल ने दक्षिण छत्तीसगढ़ के तीन जिलों बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा से सीआरपीएफ में कांस्टेबल (सामान्य ड्यूटी) के रूप में 400 उम्मीदवारों की भर्ती के लिए कक्षा 10 से कक्षा 8 तक आवश्यक न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता में छूट देने के अपने प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
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