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पहलगाम आतंकी हमले पर विशेष सत्र की मांग तेज, लेकिन सत्र की संभावना कम

पहलगाम आतंकी हमले के बाद कांग्रेस पार्टी संसद का विशेष सत्र बुलाने का दबाव केंद्र सरकार पर बना रही है। कांग्रेस ने सर्वदलीय बैठक में भी इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग रखी थी।

Author Reported By : Kumar Gaurav Edited By : Deepti Sharma Updated: Apr 29, 2025 12:34
Pahalgam attack update
Pahalgam attack update

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी वारदात के बाद कांग्रेस पार्टी केंद्र सरकार पर संसद का विशेष सत्र बुलाने का दबाव बना रही है। हालांकि, फिलहाल सरकार इस दिशा में कोई कदम उठाने के मूड में नहीं दिख रही है। कांग्रेस ने सर्वदलीय बैठक में भी विशेष सत्र बुलाकर इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग रखी थी, लेकिन अब तक सरकार ने इस पर सहमति नहीं दी है। कांग्रेस ने साफ किया है कि पहलगाम घटना के बाद सरकार जो भी ठोस कार्रवाई करेगी, उसका वह समर्थन करेगी। बावजूद इसके, पार्टी चाहती है कि संसद में इस मसले पर खुलकर चर्चा हो।

कांग्रेस नेताओं का मानना है कि अगर संसद का सत्र चल भी रहा होता, तो सरकार शायद राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर चर्चा से बचती। ऐसे में विशेष सत्र बुलाकर इस पर चर्चा कराना और भी कठिन दिख रहा है। अब कांग्रेस अन्य विपक्षी दलों से भी संपर्क कर रही है ताकि संयुक्त दबाव बनाया जा सके। फिलहाल सरकार इसके लिए तैयार नहीं दिख रही है।

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अभी विशेष सत्र की जरूरत नहीं

सूत्रों के मुताबिक, सरकार को आशंका है कि संसद में चर्चा होने पर सुरक्षा एजेंसियों और खुफिया तंत्र की चूक का मुद्दा उठेगा, जिससे असहज स्थिति उत्पन्न हो सकती है और बयानों से सुरक्षा बलों के मनोबल पर असर पड़ सकता है। सत्र का मतलब इसलिए नहीं है क्योंकि सरकार ऑल पार्टी मीटिंग में सभी दलों को विश्वास में ले चुकी है और उसमें सरकार को किसी भी कार्रवाई करने का अधिकार और उस पर समर्थन का एलान कर चुकी है। ऑल पार्टी मीटिंग के बाद से लेकर अभी तक स्थितियों में कोई अंतर नहीं आया है और इसलिए विशेष सत्र की जरूरत नहीं है।

कार्रवाई के बाद सत्र संभव?

सरकार पहलगाम हमले के जवाब में कोई बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है। अगर ऐसा होता है, तो उस कार्रवाई के बाद विशेष सत्र बुलाया जा सकता है। उस सत्र में सरकार अपनी उपलब्धियों पर बात कर सकती है। बीजेपी में वरिष्ठ नेता और पूर्व संसदीय कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि युद्ध और युद्ध की स्थिति जैसे हालात के दौरान आज तक कभी विशेष सत्र नहीं बुलाया गया है। उनका दावा है कि 1962 की लड़ाई से 6 महीने पहले संसद का विशेष सत्र हुआ था, युद्ध के दौरान या युद्ध की स्थिति के दौरान आज तक कभी भी संसद का विशेष सत्र नहीं बुलाया गया है, ऐसी परंपरा नहीं है।

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विशेष सत्र का इतिहास

आजाद भारत में संसद का पहला स्पेशल सेशन 14-15 अगस्त 1947 को आयोजित हुआ था, जब देश ने आजादी का जश्न मनाया था। उसके बाद 1962 में चीन वॉर, 1972 में आजादी की रजत जयंती, 1997 में गोल्डन जुबली और 2017 में जीएसटी लागू करने के मौके पर विशेष सेशन बुलाए गए। 2023 सितंबर 18 से 22 तक हुए स्पेशल सेशन के दौरान पुराने संसद भवन से नए भवन में ट्रांसफर का ऐतिहासिक क्षण भी दर्ज किया गया था। यह मोदी सरकार का तीसरा स्पेशल सेशन और आजादी के बाद देश का 9वां स्पेशल सेशन था।

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Edited By

Deepti Sharma

Reported By

Kumar Gaurav

First published on: Apr 29, 2025 12:34 PM

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