Rajeev Shukla Speech In Rajya Sabha : देश में सदन का शीतकालीन सत्र चल रहा है, जिसमें संविधान के 75 साल पूरे होने पर चर्चा हुई। इस दौरान कांग्रेस के राज्यसभा सांसद राजीव शुक्ला ने राज्यसभा में कहा कि संविधान पर बहस नहीं, सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप हुए। उन्होंने ज्यूडिशियल सिस्टम में रिफॉर्म को लेकर बड़ा बयान दिया। आइए जानते हैं कि सांसद राजीव शुक्ला ने सदन में क्या-क्या कहा?
कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि मैंने सोचा था कि संविधान पर बहस होगी, गरिमामय और गंभीर चर्चा होगी और चिंतन भी होगा। बिना किसी मनमुटाव के सांसद बहस करेंगे, लेकिन पूरे समय सिर्फ नेहरू और गांधी के खिलाफ बातें बोली गईं। इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और मनमोहन के खिलाफ बोले गए। ऐसा लग रहा था कि सब लोग एक दूसरे पर सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे थे। आज और भविष्य पर कोई बात नहीं हुई।
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सिर्फ खामियों पर चर्चा हुई : राजीव शुक्ला
उन्होंने आगे कहा कि क्या जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री और अटल बिहारी वाजपेयी ने कोई काम नहीं किया? इस बहस में वाजपेयी और मनमोहन सिंह का कोई जिक्र नहीं हुआ। सदन का दो दिन सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप में ही खत्म हो गया। किसने क्या काम किया? इस पर किसी ने कुछ नहीं बोला। पीएम नरेंद्र मोदी खुद कहते हैं कि देश के विकास में हर प्रधानमंत्री का योगदान रहा। क्या हमने उनके योगदानों पर चर्चा की। सिर्फ कमियों और खामियों पर बहस हुई।
सदन में सार्थक चर्चा होनी चाहिए : कांग्रेस सांसद
राजीव शुक्ला ने मांग की कि सदन में आगे से सार्थक चर्चा होनी चाहिए। 75 सालों में सभी प्रधानमंत्रियों ने देश हित में विकास और सुधार करने का काम किया। क्या जमींदारी प्रथा का उन्मूलन, भूमि सुधार, छुआछूत मिटाने के लिए संविधान संशोधन गलत थे? सदन में किसानों, महिलाओं, युवाओं, पेपर लीक, बेरोजगारी मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए।
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ज्यूडिशियल सिस्टम पर उठाए सवाल
उन्होंने ज्यूडिशियल सिस्टम पर कहा कि अगर आप सवाल उठा सकते हैं तो हम भी 10 उदाहरण दे सकते हैं कि कैसे आपने जजों को लोकसभा चुनाव लड़वा दिए। रंजन गोगोई राज्यसभा आ गए। मेरा मानना है कि जो डिजर्व करते हैं तो उन्हें पद मिलने चाहिए। ज्यूडिशियल सिस्टम में रिफॉर्म होना चाहिए, लेकिन इस पर कोई बात नहीं करता है।