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CJI बीआर गवई ने किया कॉलेजियम प्रणाली का बचाव, बोले- ‘रिटायरमेंट के बाद नियुक्तियां चिंताजनक’

सीजेआई ने कहा कि पारदर्शिता और जवाबदेही लोकतांत्रिक गुण है। आज के युग में सूचनाएं स्वतंत्र रूप से प्रवाहित होती है। वहीं भ्रष्टाचार की घटनाएं भी जनता का विश्वास कमजोर करती है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Rakesh Choudhary Updated: Jun 4, 2025 14:50
CJI BR Gavai collegium system
सीजेआई बीआर गवई (Pic Credit- ANI)

भारत के सीजेआई बीआर गवई ने ब्रिटेन में आयोजित एक गोलमेज कार्यक्रम में कहा कि कॉलेजियम प्रणाली आलोचना से रहित नहीं है, कोई भी समाधान न्यायिक स्वतंत्रता की कीमत चुकाकर नहीं होना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि जजों को बाहरी नियंत्रण से मुक्त होना चाहिए। सीजेआई ने कहा कि वैधता और जनता का विश्वास न्यायालय द्वारा अर्जित विश्वसनीयता के जरिए सुरक्षित होता है।

सीजेआई ने कहा कि पारदर्शिता और जवाबदेही लोकतांत्रिक गुण है। आज के युग में सूचनाएं स्वतंत्र रूप से प्रवाहित होती है। ऐसे में न्यायपालिका को अपनी स्वतंत्रता से समझौता किए बिना सुलभ, समझदार और जवाबदेह बनना होगा। सीजेआई ने जजों की निष्पक्षता और रिटायरमेंट के बाद नियुक्तियों को लेकर चिंता जताई।

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रिटायरमेंट के बाद नियुक्ति पर उठाए सवाल

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अगर कोई जज रिटायरमेंट के बाद सरकारी नियुक्ति स्वीकार करता है या चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा देता है तो यह जनता के मन में संदेह पैदा करता है। ऐसे में जनता न्यायपालिका की निष्क्रियता और स्वतंत्रता पर सवाल उठा सकता हैं। सीजेआई ने न्यायपालिका में भ्रष्टाचार को लेकर भी बड़ा बयान दिया।

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भ्रष्टाचार जनता का विश्वास कमजोर करती है

सीजेआई ने कहा कि भ्रष्टाचार की घटनाएं भी जनता का विश्वास कमजोर करती है। भारत में जब भी ऐसे मामले आए कोर्ट ने सख्त कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि न्यायिक प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाने के लिए आवश्यक है कि सुनवाई का लाइव स्ट्रीमिंग किया जाए। सीजेआई ने खबरों की रिर्पोंटिंग को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि फर्जी खबरें जनता की धारणा को नकारात्मक बनाती है। वहीं अदालती फैसलों का क्षेत्रीय भाषा में अनुवाद भी जरूरी है।

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First published on: Jun 04, 2025 02:49 PM

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