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देश में कब लागू होगा CAA, क्या होंगे नियम? नोटिफिकेशन से पहले जान लें पूरी डिटेल

Citizenship Amendment Act (CAA) Notification Update: सीएए को लेकर केंद्र सरकार ने तैयारी तेज कर दी है। इसे लोकसभा चुनाव से पहले लाया जा सकता है। कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार की ओर से इसका नोटिफिकेशन मार्च के पहले हफ्ते में जारी किया जा सकता है। आइए विस्तार से सीएए और इसके नियमों के बारे में जानें...

Citizenship Amendment Act (CAA)
Citizenship Amendment Act (CAA) Notification Update: देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) कब से लागू होगा, इसे लेकर चर्चाएं तेज हैं। बीजेपी ने इसे अपने मुख्य एजेंडे में शामिल किया है, लेकिन इसकी कोई तारीख नहीं बताई गई है। अब कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार ने CAA लाने की तैयारी तेज कर दी है। इसके नोटिफिकेशन को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। माना जा रहा है कि मार्च के पहले हफ्ते में इसका नोटिफिकेशन जारी किया जा सकता है।

लोकसभा चुनाव की आचार संहिता से पहले लाने की तैयारी

दरअसल, केंद्र सरकार लोकसभा चुनाव से पहले सीएए लागू करवाने की पूरी तैयारी कर चुकी है। आचार संहिता से पहले ही इसका नोटिफिकेशन लाया जा सकता है। सरकार सीएए को लेकर वेब पोर्टल भी बना रही है। उल्लेखनीय है कि गृह मंत्री अमित शाह अपने भाषणों में कई बार सीएए का जिक्र कर चुके हैं। उन्होंने हाल ही में कहा था कि सरकार लोकसभा चुनाव से पहले इसे लागू कर दिया जाएगा।

कौन होगा CAA का पात्र? 

सीएए के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी मुल्कों से 31 दिसंबर 2014 से पहले आए अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी। इन अल्पसंख्यकों में हिंदू, जैन, सिख, ईसाई, पारसी और बौद्ध शामिल हैं। मुस्लिम समुदाय इसमें शामिल नहीं है। केंद्र सरकार ने इससे पहले नागरिकता कानून में 2019 में संशोधन किया था। संसद ने नागरिकता संशोधन विधेयक को 11 दिसंबर, 2019 को पारित किया था। इसे बाद में राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई थी। हालांकि केंद्र सरकार अब तक पड़ोसी मुल्क के नागरिकों को भारत की नागरिकता देती आई है, लेकिन ये थोड़ा लंबा प्रॉसेस होता है। सीएए लागू होने के बाद नागरिकता लेना कमोबेश आसान हो जाएगा।

क्या होंगे CAA के नियम?  

जानकारी के अनुसार, सीएए के तहत नागरिकता लेने के लिए आवेदन करना होगा। आवेदक को भारत में रहने की अवधि साबित करनी होगी। इसके साथ ही उसे ये साबित करना होगा कि वे धार्मिक उत्पीड़न के चलते पड़ोसी देश छोड़ने पर मजबूर हुए थे। इसके साथ ही संविधान की आठवीं अनुसूची और नागरिक कानून 1955 की तीसरी सूची के मुताबिक शर्तों को भी पूरा करना होगा। ये भी पढ़ें: राज्यसभा चुनाव: कर्नाटक में कांग्रेस की जीत, हिमाचल में हो गया ‘खेला’, BJP उम्मीदवार की जीत


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