CISF ने अपने 56वें स्थापना दिवस के अवसर पर कन्याकुमारी में स्वामी विवेकानंद रॉक मेमोरियल में एक खास पहल की शुरुआत की है। इस पहल के अंतर्गत CISF ने ‘ग्रेट इंडियन कोस्टल सायक्लोथॉन’ 2025 का आयोजन किया, जो ‘सुरक्षित तट, समृद्ध भारत’ थीम पर आधारित एक ऐतिहासिक प्रयास है। इस सायक्लोथॉन में 2.5 करोड़ से अधिक लोग जुड़े। गृह मंत्री अमित शाह द्वारा 7 मार्च 2025 को तमिलनाडु के तक्कोलम में स्थित राजदित्य क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र से सायक्लोथॉन को हरी झंडी दिखाई गई थी।
तय की 6,553 किमी की दूरी
इस भव्य साइकिल रैली में भारत के पूर्वी और पश्चिमी तटों से एक साथ दो साइक्लिंग टीमों ने यात्रा शुरू की। कुल 125 CISF साइक्लिस्टों ने इसमें हिस्सा लिया, जिनमें 14 महिला बल सदस्य भी शामिल थीं। उन्होंने इस कठिन यात्रा को पूरा किया, जिसमें उन्होंने 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में यात्रा करते हुए कुल 25 दिनों में 6,553 किलोमीटर की दूरी तय की। भारत की सबसे लंबी कॉस्टल लाइन को पार करने के बाद यह रैली अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 31 मार्च 2025 को कन्याकुमारी में संपन्न हुई।
6,553 km, countless pedal strokes and one united mission of सुरक्षित तट, समृद्ध भारत!
We rode as one, but India, it was your unwavering spirit that propelled us forward. Together, we pedaled not just for our shores, but for the guardians who protect them, for the communities… pic.twitter.com/s8sC36oPYt
---विज्ञापन---— CISF (@CISFHQrs) March 30, 2025
पार की सबसे लंबी कॉस्टल लाइन
जानकारी के अनुसार, यह ‘पहली बार’ आयोजित की गई ऐसी सायक्लोथॉन है, जिसने भारत की सबसे खास कॉस्टल लाइन को पार करते हुए 6,553 किलोमीटर की उल्लेखनीय दूरी तय की है। यह पहल CISF की भारत की विस्तृत तटरेखा की सुरक्षा के प्रति निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इसमें 250 से अधिक बंदरगाह स्थित हैं, जिनमें 72 प्रमुख बंदरगाह शामिल हैं। ये बंदरगाह देश के व्यापार की 95 प्रतिशत मात्रा और 70 प्रतिशत मूल्य संभालते हैं।
समुद्र सीमा से घुसपैठ का बड़ा खतरा
भारत की समुद्री सीमा में स्थित अंतरिक्ष, रक्षा, परमाणु ऊर्जा, पेट्रोलियम और शिपिंग से संबंधित 135 संस्थानों की सुरक्षा के साथ-साथ हमारे तटों की सुरक्षा भारत की अर्थव्यवस्था और ऊर्जा सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। हालांकि, हमारे समुद्री तट कई गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, जैसे कि विस्फोटकों, हथियारों, नशीले पदार्थों और अन्य की तस्करी के साथ ही समुद्री सीमा से घुसपैठ भी एक बड़ा खतरा है।
खतरों के प्रति जागरूकता
पिछले 5 दशकों से अधिक समय से CISF को इन बंदरगाहों और तटरेखा के साथ स्थित अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों, जैसे रिफाइनरियों, शिपयार्ड्स और परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की सुरक्षा का दायित्व सौंपा गया है। यह सायक्लोथॉन तटीय सुरक्षा के सामने मौजूद खतरों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और राष्ट्रीय समुद्री सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में स्थानीय समुदायों के साथ CISF की साझेदारी को और भी मजबूत करने का एक प्रयास था।
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CISF का अडिग समर्थन
इस साइक्लोथॉन को स्थानीय समुदायों, CISF के अलग-अलग यूनिट के बल सदस्यों से अडिग समर्थन प्राप्त हुआ है। साथ ही, बाकी की एजेंसियों के महत्वपूर्ण सहयोग ने भी इस आयोजन की सफलता में योगदान किया।
देश के प्रमुख तटीय शहरों और महत्वपूर्ण स्थलों, जैसे पारादीप पोर्ट, कोणार्क सूर्य मंदिर, गेटवे ऑफ इंडिया (मुंबई), विशाखापत्तनम, मैंगलोर और चेन्नई में भव्य स्वागत और फ्लैग-ऑफ समारोह आयोजित किए गए, जहां स्थानीय निवासियों और प्रतिष्ठित हस्तियों ने बड़ी संख्या में भाग लेकर इस पहल का समर्थन किया और साइक्लोथॉन के संदेश को और अधिक प्रभावशाली और व्यापक रूप से फैलाया।