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‘ग्लोबल साउथ दोहरे मानदंडों का शिकार, भारत मानवता के हित में’, BRICS सम्मेलन में बोले प्रधानमंत्री मोदी

ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में आयोजित ब्रिक्स सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक साउथ की अनदेखी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि 20वीं सदी में बनी वैश्विक संस्थाएं 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने में असमर्थ हैं। भारत सभी मुद्दों पर ब्रिक्स देशों के साथ मिलकर क्रिएटिव योगदान देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

BRICS सम्मेलन को संबोधित करते प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में आयोजित ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल हुए। यह सम्मेलन रविवार को ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में आधुनिक कला संग्रहालय में आयोजित हुआ। सभी सदस्यों के साथ ग्रुप फोटो भी हुआ। फोटो में प्रधानमंत्री मोदी के साथ ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा के साथ सात अन्य सदस्य देशों के नेता और प्रतिनिधि दिखाई दिए। ब्रिक्स सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ग्लोबल साउथ अक्सर दोहरे मानदंडों का शिकार रहा है। उनके हितों को प्राथमिकता नहीं दी गई है। जलवायु वित्त, सतत विकास और प्रौद्योगिकी तक पहुंच जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर ग्लोबल साउथ को अक्सर सांकेतिक इशारों से ज्यादा कुछ नहीं मिला है।

'20वीं सदी के टाइपराइटर 21वीं सदी के सॉफ्टवेयर नहीं चला सकते'

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एआई के युग में, जहां प्रौद्योगिकी हर हफ्ते अपडेट होती है, यह स्वीकार्य नहीं है कि एक वैश्विक संस्था अस्सी साल में एक बार भी अपडेट न हो। बीसवीं सदी के टाइपराइटर इक्कीसवीं सदी के सॉफ्टवेयर नहीं चला सकते।

'20वीं सदी में बनी वैश्विक संस्थाएं चुनौतियों से निपटने में असमर्थ'

उन्होंने यह भी कहा कि 20वीं सदी में बनी वैश्विक संस्थाएं 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने में असमर्थ हैं। चाहे दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में चल रहे संघर्ष हों, महामारी हो, आर्थिक संकट हो या साइबरस्पेस में नई उभरती चुनौतियां हों, इन संस्थाओं के पास इनका कोई समाधान नहीं है। आज विश्व को एक नई, बहुध्रुवीय और समावेशी विश्व व्यवस्था की आवश्यकता है। इसकी शुरुआत वैश्विक संस्थाओं में व्यापक सुधारों से करनी होगी। सुधार केवल प्रतीकात्मक नहीं होने चाहिए, बल्कि उनका वास्तविक प्रभाव भी दिखाई देना चाहिए।

ब्रिक्स के विस्तार पर क्या बोले पीएम मोदी?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत सभी मुद्दों पर ब्रिक्स देशों के साथ मिलकर क्रिएटिव योगदान देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। भारत ने हमेशा अपने हितों से ऊपर उठकर मानवता के हित में काम करना अपनी जिम्मेदारी समझा है। ब्रिक्स के विस्तार पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नए मित्रों का जुड़ना इस बात का प्रमाण है कि संगठन में समय के साथ बदलाव करने की क्षमता है।

सोशल मीडिया पर पीएम मोदी का पोस्ट

ब्रिक्स देशों के नेताओं के फोटो साझा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने X पर लिखा कि ब्रिक्स की ओर से एक कदम रियो डी जेनेरियो, ब्राजील में प्राप्त किया गया। एक सहयोगात्मक समझौते के रूप में फिर से शुरू हुआ और एक साझेदारी के लिए तैयार हो गया। ब्रिक्स में समावेशी और समतामूलक भविष्य के वैश्विक योगदान की अपार संभावनाएं हैं। एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा कि ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में आयोजित शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स के अन्य नेताओं के साथ, घनिष्ठ सहयोग और साझा विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। ब्रिक्स में अधिक समावेशी और समतामूलक वैश्विक भविष्य को आकार देने की अपार क्षमता है।


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