जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। इसके बाद भारत सरकार ने कई बड़े कदम उठाए हैं। इसी में से एक पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने का आदेश है। हालांकि, पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने की समय-सीमा खत्म हो गई है। अब पुलिस ने भारत में अवैध रूप से रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को डिपोर्ट कर उनके देश भेजना शुरू कर दिया है। इसी बीच बेंगलुरु में रहने वाले एक परिवार ने अपने निर्वासन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और कहा कि उसका परिवार भारतीय नागरिक है।
निर्वासन के खिलाफ खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में जन्मे बेंगलुरु के एक व्यक्ति ने अपने परिवार के निर्वासन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। उसका दावा है कि वे भारतीय नागरिक हैं, पाकिस्तानी नागरिक नहीं। याचिकाकर्ता ने कहा कि उसके और उसके परिवार के पास गृह मंत्रालय द्वारा जारी वैध भारतीय पासपोर्ट हैं। याचिकाकर्ता के परिवार में उसके माता-पिता, बहन और छोटा भाई शामिल हैं। उन्होंने कहा कि वे 1997 तक पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में स्थित मीरपुर में रहते थे, उसके बाद वे श्रीनगर चले आए। उन्होंने 2009 में उच्च शिक्षा के लिए बेंगलुरु जाने से पहले श्रीनगर में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की थी।
1997 में पाकिस्तानी वीजा पर भारत आने का किया खंडन
याचिका के अनुसार, विदेशियों के क्षेत्रीय अधिकारी (FRO) ने गलत दावा किया है कि परिवार 1997 में पाकिस्तानी वीजा पर भारत आया था और वीजा समाप्त होने के बाद उन्हें वापस चले जाना चाहिए था। याचिकाकर्ता ने इससे इनकार करते हुए कहा कि वे कभी पाकिस्तानी नागरिक नहीं थे और उन्होंने कभी पाकिस्तानी वीजा पर भारत में प्रवेश नहीं किया।
‘जम्मू-कश्मीर पुलिस ने किया गिरफ्तार’
याचिकाकर्ता का कहना है कि उनके पिता, मां, बहन और उसके छोटे भाई को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 29 अप्रैल को लगभग 9 बजे अवैध रूप से गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद उन्हें 30 अप्रैल को करीब दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर ले जाया गया और उन्हें बॉर्डर से भारत छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है। वहीं, याचिकाकर्ता के वकील का दावा है कि उनके परिवार के 6 सदस्यों के पास भारतीय आधार कार्ड, पैन कार्ड है। इसके बावजूद उन्हें निर्वासित किया जा रहा है।
यह याचिका केंद्र सरकार के उस हालिया निर्देश के बाद दायर की गई है, जो पहलगाम आतंकी हमले के बाद जारी किया गया था। इसमें अल्पकालिक वीजा पर आए सभी पाकिस्तानी नागरिकों से भारत छोड़ने या कार्रवाई के लिए तैयार रहने को कहा गया था।