पश्चिम बंगाल चुनाव हिंसाः कांग्रेसी नेता अधीर रंजन चौधरी ने TMC पर साधा निशाना; पूछा- और कितने लोग मारे जाएंगे?
Bengal Panchayat Election: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव को लेकर हिंसा का दौर जारी है। मुर्शिदाबाद में पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने रविवार को राज्य भर में हुई हिंसा की अलग-अलग घटनाओं में मौतों पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की आलोचना की।
मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने मतदान (Bengal Panchayat Election) के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने में 'विफलता' को लेकर टीएमसी की भूमिका पर सवाल उठाया। पूछा कि कितने और लोग मारे जाएंगे? अधीर रंजन ने कहा, कल यहां 62 साल के एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई। चुनाव से पहले भी हिंसा हुई और उसके बाद भी। हम इस हत्या के खिलाफ आंदोलन करेंगे और अदालत भी जाएंगे।
पीड़ित परिवार से मिले अधीर रंजन
उन्होंने 62 वर्षीय पार्टी कार्यकर्ता हाजी लियाकत अली के परिवार के सदस्यों से भी मुलाकात की। बताया गया है कि लियाकत अली कथित तौर पर हिंसा में मारे गए थे। पंचायत चुनाव के दौरान राज्य भर में हुई हिंसा में कुल 10 लोग मारे गए हैं, जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
बताया गया है कि 20 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में व्यापक रूप से हिंसा, मतपत्रों की लूट और धांधली का आरोप है। एएनआई की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य के मुर्शिदाबाद, कूच बिहार, मालदा, दक्षिण 24 परगना, उत्तरी दिनाजपुर और नादिया जैसे कई जिलों से बूथ कैप्चरिंग, मतपेटियों को नुकसान पहुंचाने और पीठासीन अधिकारियों पर हमले की खबरें आईं।
टीएमसी को लेकर कही ये बात
इससे पहले शनिवार को कांग्रेसी नेता अधीर रंजन ने कहा था कि पुलिस प्रशासन के साथ टीएमसी ने राज्य में आतंक का राज बना रखा है।
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सत्तारूढ़ दल की पुलिस प्रशासन के साथ असंगति ने आतंक फैलाया है, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई है। सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। राजनीतिक और बंगाल में चुनावी माहौल हिंसक हो गया है। यह पंचायत चुनावों का मजाक है और यह चुनावी लूट का एक उदाहरण है।
बीएसएफ डीआईजी ने दिया ये बयान
उधर, बीएसएफ के डीआईजी एसएस गुलेरिया ने कहा कि बीएसएफ ने राज्य चुनाव आयोग को कई पत्र लिखकर संवेदनशील मतदान केंद्रों के बारे में जानकारी मांगी है, लेकिन 7 जून को छोड़कर कोई जानकारी नहीं दी गई। उन्हें संवेदनशील स्थान या स्थान के बारे में कुछ नहीं बताया गया था।
उन्होंने कहा कि बीएसएफ की तैनाती स्थानीय प्रशासन के आदेश पर की गई है। चुनाव ड्यूटी के लिए 25 राज्यों से केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और राज्य सशस्त्र पुलिस की 59,000 टुकड़ियां पहुंची थीं, लेकिन संवेदनशील मतदान केंद्रों पर उनका पर्याप्त उपयोग नहीं किया गया।
देश की खबरों के लिए यहां क्लिक करेंः-
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world
on News24. Follow News24 and Download our - News24
Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google
News.