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राशन वितरण घोटाला मामले में गिरफ्तार बंगाल के मंत्री की तबियत बिगड़ी, ICU में किया गया शिफ्ट

Jyotipriya Mallik shifted in ICU: राशन वितरण मामले की अगली सुनवाई के लिए मल्लिक को इस गुरुवार को कोलकाता की एक विशेष अदालत में पेश किया जाना है।

Jyotipriya Mallik shifted in ICU: करोड़ों रुपये के राशन वितरण मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के टीएमसी मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक को मंगलवार को तबियत बिगड़ने पर एसएसकेएम मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की गहन देखभाल इकाई (आईसीयू) में शिफ्ट किया गया। वहीं, इस इस महीने की शुरुआत में भी गंभीर बेचैनी की शिकायत के बाद उन्हें प्रेसीडेंसी सेंट्रल करेक्शनल होम से हॉस्पिटल में स्थानांतरित कर दिया गया था।

राशन वितरण मामले में घोटाले का आरोप

सूत्रों के मुताबिक मल्लिक को आईसीयू में शिफ्ट करने का निर्णय उनके ब्लड प्रेशर में गिरावट शुरू होने के बाद लिया गया। हालांकि, राजनीतिक गलियारों में अटकलें लगनी शुरू हो गई हैं क्योंकि राशन वितरण मामले की अगली सुनवाई के लिए मल्लिक को इस गुरुवार को कोलकाता की एक विशेष अदालत में पेश किया जाना है। वहीं, सूत्रों के मुताबिक अगली सुनवाई में केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को अदालत के समक्ष महत्वपूर्ण सबूत पेश करने की उम्मीद है कि कैसे मंत्री ने अपनी पत्नी, बेटी, सास और साले सहित परिवार के अन्य सदस्यों को शामिल किया। यह भी पढ़ें- Telangana Election 2023: आज थम जाएगा चुनाव प्रचार, राहुल-प्रियंका साथ में करेंगे रोड शो

करीबी रिश्तेदारों को बनाया गया निदेशक

वहीं, इस मामले में ईडी ने अब तक कुल 10 ऐसी कॉर्पोरेट संस्थाओं का पता लगाया है, जिनमें से मल्लिक के इन करीबी रिश्तेदारों को कभी न कभी निदेशक बनाया गया था। इस दौरान जिन कंपनियों में मंत्री के ससुराल वालों को एक निश्चित अवधि के लिए निदेशक बनाया गया था, वे मुख्य रूप से कोलकाता के व्यवसायी बाकिबुर रहमान से जुड़े थे, जो इस मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने वाले पहले व्यक्ति थे। ये तीन संदिग्ध कॉर्पोरेट संस्थाएं जहां मंत्री की सास और बहनोई निदेशक थे, श्री हनुमान रियलकॉन प्राइवेट लिमिटेड, ग्रेसियस इनोवेटिव प्राइवेट लिमिटेड और ग्रेसियस क्रिएशन प्राइवेट लिमिटेड। ईडी के मुताबिक, इन तीन संस्थाओं को फंड डायवर्जन के एकमात्र उद्देश्य से कम समय के लिए जारी किया गया था।


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