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2 सीट से लेकर 300 प्लस का सफर, भाजपा के लिए कैसे ‘वरदान’ साबित हुआ राम मंदिर

BJP Lok Sabha Seats Increased Due To Ram Mandir : भाजपा को फर्श से लेकर अर्श तक पहुंचाने में राम मंदिर का बड़ा योगदान है। आज स्थिति यह है कि पार्टी ने 2 से लेकर 300 प्लस का सफर तय कर लिया है।

Edited By : Deepak Pandey | Updated: Jan 21, 2024 12:56
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राम मंदिर से भाजपा को मिला फायदा।

BJP Lok Sabha Seats Increased Due To Ram Mandir : अयोध्या में सोमवार को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश-विदेश से मेहमान आएंगे। राम मंदिर आंदोलन भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए वारदात साबित हुआ और पार्टी 2 से 300 प्लस लोकसभा सीटों तक पहुंच गई है। आइये जानते हैं कि कैसे भाजपा को राम मंदिर का फायदा मिला है?

22 जनवरी को वो ऐतिहासिक दिन है, जिस दिन अयोध्या में रामलला अपने गर्भगृह में विराजमान होंगे। इसके साथ ही सदियों पुराना धार्मिक विवाद भी थम जाएगा और भाजपा का दशकों पुराना चुनावी वादा भी पूरा हो जाएगा। 1980 के दशक में शुरू हुए राम मंदिर आंदोलन की सूत्रधार भाजपा थी, इसलिए पार्टी के लिए कल का दिन काफी अहम है।

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साल 1989 में राम मंदिर आंदोलन से जुड़ी बीजेपी

शुरुआती दौर में भारतीय जनसंघ के रूप में भाजपा राजनीति में सिर्फ संघर्ष ही कर रही थी। पार्टी ने पहली बार 1984 के लोकसभा चुनाव में 2 सीटों पर जीत दर्ज की थी। देशभर में उसी समय राम जन्मभूमि आंदोलन ने बड़ा आकार लेना शुरू कर दिया था। साल 1989 में भाजपा ने खुद को राम मंदिर के मुद्दे से जोड़ लिया, जिसका फायदा पार्टी को मिला। साल 1989 में भाजपा को लोकसभा चुनाव में 85 सीटें मिली थीं।

राम मंदिर की वजह से बीजेपी की राजनीति में बढ़ी पैठ 

राम मंदिर आंदोलन ने बीजेपी को देश में एक प्रमुख राजनीतिक दल बना दिया। 1990 के दशक की शुरुआत में लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में भाजपा ने रथ यात्रा निकाली और हिंदुओं के बीच अपनी पकड़ मजबूत की। बीजेपी की राजनीति में राम मंदिर का मुद्दा जरूर रहा। साल 1996 से लेकर 2019 तक हर लोकसभा चुनावों में पार्टी के घोषणा पत्र में राम मंदिर मुद्दा शामिल रहा।

पहली बार अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में बनी सरकार

अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में भाजपा की सत्ता केंद्र में आई। अटल बिहारी वाजपेयी 16 मई से 1 जून 1996 तक, फिर 1998 में और फिर 19 मार्च 1999 से 22 मई 2004 तक भारत के पीएम रहे। इसके बाद साल 2004 से लेकर 2014 तक कांग्रेस की मनमोहन सरकार रही। भाजपा ने साल 2014 में राम मंदिर के मुद्दे को फिर उठाया और नरेंद्र मोदी की सरकार पूर्ण बहुमत के साथ केंद्र की सत्ता में आ गई।

साल 2014 में फिर केंद्र में भाजपा की सरकार बनी

साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रचार के आखिरी चरण में अयोध्या के पास रैली की और भगवान राम का नाम लिया था। इसके बाद मोदी सरकार ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करेंगे। साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया। इस पर राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ हो गया और पीएम मोदी ने खुद मंदिर की आधारशिला रखी थी।

अब 400 प्लस सीटों पर जीत का दम भर रही भाजपा

राम मंदिर के उद्घाटन के साथ भाजपा को इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव में फायदा मिल सकता है। अब पार्टी 400 प्लस सीटों पर जीत दर्ज करने के प्रयास में जुट गई है। लोकसभा चुनाव में किस पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी या तो बाद की बात है, लेकिन भाजपा के लिए राम मंदिर स्थायी विरासत के रूप में बनी रहेगी।

First published on: Jan 21, 2024 12:56 PM

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