देशभर में इंडिगो संकट की आहत संसद तक पहुंच गई है। संसद में इन दिनों शीतकालीन सत्र चल रहा है। मंगलवार को नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने लोकसभा में कहा कि परिचालन तेजी से स्थिर हो रहा है, सुरक्षा पूरी तरह लागू है, इंडिगो को जवाबदेह ठहराया जा रहा है। कड़ी कार्रवाई करेंगे।
मंत्री ने कहा कि यात्रियों की सुविधा और सम्मान की रक्षा की जा रही है, और भारत के विमानन क्षेत्र को और अधिक यात्री-केंद्रित बनाने के लिए दीर्घकालिक उपाय किए जा रहे हैं।
---विज्ञापन---
यह भी पढ़ें: IndiGo के खिलाफ बड़ा एक्शन, उड़ानों में 5% की कटौती, 8 दिन में कैंसिल हो चुकीं 5000 से ज्यादा फ्लाइट
---विज्ञापन---
सिविल एविएशन मंत्री के बयान के बाद विपक्ष ने लोकसभा से वॉकआउट किया। बयान का विरोध करते हुए कांग्रेस के मनीकम टैगोर ने कहा सिविल एविएशन मंत्री के बयान भर दे देने से कुछ नहीं होता क्योंकि यह गलती सिर्फ उसे विमानन कंपनी की नहीं बल्कि सरकार की है। इंडिगो ने तो इलेक्टरल बॉन्ड खरीदा है तो वह सरकार की बात कैसे सुनेगी। कहा कि Indigo ने सरकार को आंखें दिखाकर FDTL वापस करा लिया। बयान से काम नहीं चलेगा - हम पूरे मसले पर चर्चा की मांग करते हैं।
यह भी पढ़ें: IndiGo share Price Crash: भरभरा कर गिरे IndiGo के शेयर, कुछ घंटों में ही मिट्टी में मिल गए करोड़ों
इसके अलावा इंडिगो एयरलाइन के खिलाफ केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बड़ा एक्शन लिया है। मंत्रालय ने विंटर सेशन के लिए एयरलाइन के फ्लाइट शेड्यूल में 5 प्रतिशत की कटौती कर दी। इंडिगो वर्तमान में 2200 से ज्यादा उड़ानों का संचालन कर रहा है। मंत्रालय ने अब एयरलाइन के स्लॉट दूसरी एयरलाइंस को देने का फैसला किया है।