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भाजपा-कांग्रेस ने पांच राज्यों के चुनाव में उतारे 12 फीसदी महिला उम्मीदवार, कैसे पूरा होगा 33% का सपना?

Assembly Election 2023: पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है। कांग्रेस-भाजपा समेत सभी पार्टियां उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। ऐसे में महिला उम्मीदवारों की कम संख्या को लेकर भी कई विशेषज्ञ सवाल उठा रहे है।

Assembly Election 2023 Women Candidate (Pic Credit- Google)
Assembly Election 2023: पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों का चयन लगभग फाइनल हो चुका है। इस चुनाव में भाजपा-कांग्रेस और अन्य क्षेत्रीय पार्टियों द्वारा मैदान में उतारी गई महिला उम्मीदवारों की संख्या 12 फीसदी से भी कम है। बता दें कि सितंबर में सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाकर महिला आरक्षण विधेयक पारित करवाया था। जिसमें महिलाओं के लिए राज्य की विधायिका और संसद में 33 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया था। हालांकि यह कानून अगली जनगणना और उसके बाद होने वाले परिसीमन के बाद लागू होगा। पांच राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम की 679 सीटों में से भाजपा ने 643 और कांग्रेस ने 666 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की है। इनमें से भाजपा ने केवल 80 और कांग्रेस ने 74 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। 230 सदस्यीय मध्य प्रदेश विधानसभा में 17 नवंबर को चुनाव होंगे। इसके लिए भाजपा ने 28 और कांग्रेस ने 30 महिलाओं को मैदान में उतारा है। 2018 में ये संख्या 24 और 27 थी।

यह है विधानसभा चुनाव की स्थिति

200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा के लिए 25 नवंबर को चुनाव होंगे। भाजपा और कांग्रेस ने क्रमशः 20 और 28 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। 2018 में यह संख्या 23 और 27 थीं। छत्तीसगढ़ में दो चरणों (7 और 17 नवंबर) के चुनाव में भाजपा ने 14 और कांग्रेस ने 3 महिला उम्मीदवारों की घोषणा की। छत्तीसगढ़ विधानसभा में 90 सीटें हैं। तेलंगाना में 30 नवंबर को मतदान होना है, भाजपा ने 14 और कांग्रेस ने 11 महिला उम्मीदवारों की घोषणा की है। वहीं मिजोरम में 40 सदस्यीय विधानसभा के लिए 7 नवंबर को मतदान हुआ। कांग्रेस ने दो और भाजपा ने चार उम्मीदवार उतारे हैं।

इन कारकों के आधार पर तय होती है उम्मीदवारी

भाजपा के एक पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि चुनाव में महिला उम्मीदवारों का चयन उनकी जीतने की क्षमता के आधार पर किया जाता है। उन्होंने बताया कि भाजपा महिलाओं को अधिक टिकट देने के लिए प्रतिबद्ध है। लेकिन साथ ही, हम उम्मीदवार की जीतने की क्षमता को भी देखते हैं। उन्होंने कहा कि उम्मीदवार तय करने की एक लंबी प्रक्रिया है, जिसमें जाति, लिंग और अनुभव जैसे कारक शामिल हैं।

भाजपा के लिए महिला एक बड़ा वोट बैंक

उन्होंने बताया कि महिलाएं भाजपा के लिए एक प्रमुख निर्वाचन क्षेत्र हैं। राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो भाजपा के लिए महिला एक बड़ा वोट बैंक हैं। मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में पार्टी लाडली बहना योजना पर भरोसा कर रही है जो राज्य में सत्ता बनाए रखने में मदद करने के लिए 12.5 मिलियन पात्र महिलाओं को प्रति माह 1250 रुपये देती है। वित्तीय सशक्तिकरण के अलावा, पार्टी महिलाओं को राजनीतिक रूप से सशक्त बनाने के लिए पार्टी पदों पर महिलाओं के लिए 33% आरक्षण लागू करने का भी दावा करती है।


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