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अरुणाचल के कांग्रेस विधायक की मांग, कहा- चीनी CCTV को बैन किया जाए, ये बीजिंग के आंख-कान हो सकते हैं

Arunachal MLA: राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बढ़ते खतरे का हवाला देते हुए अरुणाचल प्रदेश के विधायक निनॉन्ग एरिंग ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी है। पीएम मोदी को लिखी गई चिट्ठी में विधायक ने मांग की है कि पूरे भारत में चाइनिज क्लोज सर्किट टेलीविजन (सीसीटीवी) कैमरों पर प्रतिबंध लगाया जाए। […]

Arunachal MLA: राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बढ़ते खतरे का हवाला देते हुए अरुणाचल प्रदेश के विधायक निनॉन्ग एरिंग ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी है। पीएम मोदी को लिखी गई चिट्ठी में विधायक ने मांग की है कि पूरे भारत में चाइनिज क्लोज सर्किट टेलीविजन (सीसीटीवी) कैमरों पर प्रतिबंध लगाया जाए। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि ये सीसीटीवी कैमरे बीजिंग के लिए आंखें और कान हो सकते हैं। विधायक ने अपने घरों में चीनी सीसीटीवी का उपयोग करने के खिलाफ लोगों को शिक्षित करने के लिए एक जन जागरूकता अभियान की भी वकालत की। एक मीडिया रिपोर्ट पर ध्यान देते हुए कांग्रेस विधायक ने अपने पत्र में कहा कि चीनी हैकरों ने नियमित रूप से भारतीय संस्थानों पर हमला किया है, जिसमें लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास 7 प्रमुख बिजली लोड डिस्पैच केंद्रों (ELDC) को खतरे में डालने का विफल प्रयास भी शामिल है।

'द चाइना स्नूपिंग मेनेस' शीर्षक वाले लेख का दिया हवाला

बता दें कि देश के प्रमुख मीडिया हाउसों में से एक 'द चाइना स्नूपिंग मेनेस' शीर्षक वाले एक विस्तृत लेख में यह खुलासा किया गया था कि वर्तमान में पूरे भारत में उपयोग किए जा रहे चीनी निर्मित सीसीटीवी को 'बीजिंग के लिए आंख और कान' के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने अपने पत्र में कहा, भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा गंभीर हो गया है क्योंकि मौजूदा कानून और जागरूकता इस खतरे से निपटने के लिए अपर्याप्त हैं। बता दें कि केंद्र के एक अनुमान से पता चला है कि पूरे देश में 2 मिलियन से अधिक सीसीटीवी स्थापित हैं। इनमें से 90 प्रतिशत से अधिक उन कंपनियों की ओर से बनाए गए हैं जो आंशिक रूप से चीनी सरकार के स्वामित्व में हैं। कांग्रेस विधायक ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि इनमें से आधे से अधिक चीनी सीसीटीवी भारत में सरकारी कार्यालयों में स्थापित किए गए हैं।

पहले भी कांग्रेस विधायकों ने व्यक्त की थी चिंता

कांग्रेस विधायक ने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि उन्होंने पहले एक अन्य चीनी कंपनी हुआवेई के बारे में अपनी चिंताओं को उठाया था। उन्होंने चिट्ठी में कहा कि मैं आपको सम्मानपूर्वक याद दिलाना चाहता हूं कि 2 जुलाई 2020 को आपको लिखे अपने पत्र में मैंने लिखा था कि कैसे 1987 में चीनी सेना के एक पूर्व इंजीनियर रेन झेंगफसी द्वारा इलुआवेई की स्थापना की गई थी। कांग्रेस विधायक ने कहा कि मैं पीएम मोदी से अनुरोध करूंगा कि आप भारत सरकार के कार्यालयों में चीनी सीसीटीवी सिस्टम की स्थापना पर तुरंत प्रतिबंध लगाने का निर्देश दें। इसके बाद लोगों को अपने घरों में चीनी सीसीटीवी का उपयोग करने के खिलाफ शिक्षित करने के लिए एक जन जागरूकता अभियान शुरू किया जा सकता है। जहां भी आवश्यक हो, सीसीटीवी डेटा को सुरक्षित रखने के लिए स्वदेशी क्लाउड-आधारित सर्वर समाधान के लॉन्च पर विचार करें।


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