Aditya L-1 Successfully Entered the Halo Orbit of Sun : भारत का सूर्य मिशन Aditya L-1 सफलतापूर्वक सूर्य के हेलो ऑर्बिट में पहुंच गया। शनिवार को दोपहर करीब 4 बजे इसरो (ISRO) ने स्पेसक्राफ्ट को फाइनल फायर दी जिसके बाद उसकी गति को नियंत्रित करते हुए इसे सूर्य के हेलो ऑर्बिट में पहुंचाया गया।
𝐈𝐧𝐝𝐢𝐚, 𝐈 𝐝𝐢𝐝 𝐢𝐭. 𝐈 𝐡𝐚𝐯𝐞 𝐫𝐞𝐚𝐜𝐡𝐞𝐝 𝐭𝐨 𝐦𝐲 𝐝𝐞𝐬𝐭𝐢𝐧𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧!
---विज्ञापन---Aditya-L1 has successfully entered the Halo orbit around the L1 point.#ISRO #AdityaL1Mission #AdityaL1 pic.twitter.com/6gwgz7XZQx
— ISRO InSight (@ISROSight) January 6, 2024
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अब यह स्पेसक्राफ्ट अगले पांच साल तक सूर्य की किरणों का अध्ययन करेगा। यह सूर्य इतना जलता क्यों हैं और उसकी किरणों का तापमान कितना होता है जैसे सवालों का जवाब ढूंढेगा। अभी तक धरती पर लगे टेलिस्कोप के जरिए ही सूर्य का अध्ययन किया जाता रहा है। यह भारत की एक बहुत बड़ी सफलता है।
पीएम मोदी ने दी बधाई
इस मिशन को पिछले साल 2 सितंबर को लॉन्च किया गया था। इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने एक और लैंडमार्क बना दिया है। यह हमारे वैज्ञानिकों की मेहनत और समर्पण को दिखाता है। हम मानवता की भलाई के लिए विज्ञान के नए पहलुओं पर काम करना इसी तरह जारी रखेंगे।
India creates yet another landmark. India’s first solar observatory Aditya-L1 reaches it’s destination. It is a testament to the relentless dedication of our scientists in realising among the most complex and intricate space missions. I join the nation in applauding this…
— Narendra Modi (@narendramodi) January 6, 2024
इसरो चीफ एस सोमनाथ के अनुसार Aditya L-1 सूर्य और पृथ्वी के बीच लैग्रेंज बिंदु-1 (L1 पॉइंट) पर रहेगा जहां से बिना ग्रहण के सूर्य को देखना संभव है। ऐसे में सूर्य की किरणों का अध्ययन करने में बाधा नहीं आएगी। इस पॉइंट को इसीलिए चुना गया, क्योंकि यहां पर ग्रेविटी काम नहीं करती है।
यह मिशन जो डाटा उपलब्ध कराएगा उससे यह समझने में मदद मिलेगी कि सूर्य की सतह पर क्या होता है। इससे गंभीर सोलर विंड्स का पूर्वानुमान लगाने में भी सहायता मिलेगी। भारत का यह बेहद अहम मिशन ऐसी जानकारियां देगा जिन्हें पूरी दुनिया की साइंटिस्ट कम्युनिटी जानना चाहती है।