---विज्ञापन---

भीमा कोरेगांव मामला: सुप्रीम कोर्ट ने एक्टिविस्ट वरवर राव को मेडिकल आधार पर जमानत दी

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को 2018 भीमा कोरेगांव हिंसा मामले के आरोपी कार्यकर्ता और कवि डॉक्टर पी वरवर राव को मेडिकल रिपोर्ट पर जमानत दे दी। जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने राव को जमानत देते हुए कहा कि एनआईए की विशेष अदालत की अनुमति के वरवर राव बिना ग्रेटर मुंबई […]

Edited By : Om Pratap | Updated: Aug 10, 2022 15:45
Share :

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को 2018 भीमा कोरेगांव हिंसा मामले के आरोपी कार्यकर्ता और कवि डॉक्टर पी वरवर राव को मेडिकल रिपोर्ट पर जमानत दे दी। जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने राव को जमानत देते हुए कहा कि एनआईए की विशेष अदालत की अनुमति के वरवर राव बिना ग्रेटर मुंबई नहीं छोड़ेंगे। बता दें कि राव ने बॉम्बे हाई कोर्ट के 13 अप्रैल के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी जिसमें जमानत के लिए वरवर राव की याचिका को खारिज कर दिया गया था।

शीर्ष अदालत ने आगे आदेश दिया कि राव अपनी पसंद के मेडिकल ट्रीटमेंट के हकदार होंगे और वह एनआईए को मेडिकल ट्रीटमेंट के बारे में जानकारी भी देंगे। बेंच ने यह भी स्पष्ट किया कि राव को दी गई जमानत विशुद्ध रूप से मेडिकल रिपोर्ट पर है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने बॉम्बे हाई कोर्ट की ओर से लगाई गई इस शर्त को भी हटा दिया जिसमें कहा गया था कि तीन महीने बाद उन्हें आत्मसमर्पण करना चाहिए।

---विज्ञापन---

एएसजी ने वरवर राव की जमानत का किया विरोध

आज सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने नियमित जमानत के लिए राव की याचिका का विरोध किया। एएसजी ने कहा कि राव की चिकित्सीय स्थिति बहुत गंभीर नहीं है। इस पर जस्टिस ललित ने हालांकि कहा कि राव 82 साल के हैं और समय के साथ उनकी चिकित्सा स्थिति में सुधार नहीं हुआ है।

बता दें कि 28 अगस्त 2018 को वरवर राव को हैदराबाद स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया गया था। भीमा कोरेगांव मामले में पुणे पुलिस ने 8 जनवरी 2018 को विश्रामबाग पुलिस स्टेशन में वरवर राव समेत अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इस दौरान पुलिस ने आईपीसी की विभिन्न धाराओं समेत यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया था।

---विज्ञापन---

क्या है भीमा कोरेगांव केस

भीमा कोरेगांव केस 31 दिसंबर 2017 को पुणे में आयोजित एल्गार परिषद के कार्यक्रम से जुड़ा है। आरोप है कि कार्यक्रम में भड़काऊ भाषण की वजह से अगले दिन कोरेगांव-भीमा में हिंसा फैली। पुलिस का दावा है कि जो हिंसा हुई थी, उसके पीछे राव के भाषणों की भी भूमिका था। बता दें कि वरवर राव ने कई किताबें लिखी हैं। इनकी लिखी गईं कविताओं का अनुवाद कई भाषाओं में किया गया है।

HISTORY

Edited By

Om Pratap

First published on: Aug 10, 2022 03:45 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें