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World Schizophrenia day 2023: इंसान के दिमाग में भ्रम और डर भर देता है सिजोफ्रेनिया, जानिए कितनी खतरनाक है ये बीमारी

World Schizophrenia day 2023: तनाव, काम का बोझ और तेजी से बदलती लाइफस्टाइल के चलते लोग इन दिनों कई मानसिक समस्याओं का शिकार हो रहे हैं। सिजोफ्रेनिया भी एक गंभीर मानसिक समस्या है। इस गंभीर बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल 24 मई को वर्ल्ड सिज़ोफ्रेनिया डे मनाया जाता है। वर्ल्ड […]

World Schizophrenia day 2023
World Schizophrenia day 2023: तनाव, काम का बोझ और तेजी से बदलती लाइफस्टाइल के चलते लोग इन दिनों कई मानसिक समस्याओं का शिकार हो रहे हैं। सिजोफ्रेनिया भी एक गंभीर मानसिक समस्या है। इस गंभीर बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल 24 मई को वर्ल्ड सिज़ोफ्रेनिया डे मनाया जाता है। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन (WHO) के मुताबिक पूरी दुनिया में 2 करोड़ से ज्यादा लोग इस गंभीर बीमारी से पीड़ित है। इस बीमारी के बारे में डॉ. राहुल चंडोक ने विस्तार से बताया है। डॉ. राहुल चंडोक इस वक्त गुरुग्राम में स्थित आर्टेमिस अस्पताल के मानसिक स्वास्थ्य और व्यवहार विज्ञान विभाग में वरिष्ठ सलाहकार के रूप में सेवा दे रहे हैं।

क्या है सिजोफ्रेनिया?

सिजोफ्रेनिया एक तरह का मानसिक विकार है। इससे पीड़ित इंसान अपनी कल्पना को हकीकत मान लेते है। इसलिए वह हमेशा भ्रम की स्थिति में रहता है। उसका व्यवहार बहुत अजीब और चौंकाने वाला भी हो सकता है। इसे अगर हम साइंस की भाषा में समझे तो हमारे माइंड में डोपामाइन नामक एक न्यूरोट्रांसमीटर होता है, जो दिमाग और शरीर के बीच तालमेल बैठाता है। जब किसी वजह से डोपामाइन की मात्रा बढ़ जाती है, तो इसे सिजोफ्रेनिया कहा जाता है।

खुद को डरा और समाज से कटा हुआ महसूस करते हैं

डॉ. राहुल चंडोक के अनुसार, सिजोफ्रेनिया अन्य प्रमुख मानसिक बीमारियों की तरह सामान्य नहीं है। यह सबसे पुरानी और अक्षम करने वाली हो सकती है। इससे ग्रसित व्यक्तियों को अक्सर समाज में, काम में, स्कूल में अच्छा प्रदर्शन करने में समस्या होती है। वह डरे हुए और पीछे हटे हुए महसूस कर सकते हैं। उन्हें ऐसा लगता है कि जैसे उनका वास्तविकता से उनका संपर्क टूट गया है।

बचपन और किशोरवस्था में हो सकती है ये बीमारी

एक्सपर्ट्स बताते हैं कि सिजोफ्रेनिया आमतौर बचपन में या फिर किशोरावस्था में होती है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को अक्सर भ्रम होने के साथ ही डरावने साए दिखाई देते हैं। इस बीमारी को लेकर फिल्में भी बन चुकी हैं। एक्ट्रेस बिपाशा बसु की फिल्म मदहोश और कोंकणा सेन की फिल्म 15 पार्क एवेन्यू सिजोफ्रेनिया जैसी गंभीर मानसिक बीमारी पर ही आधारित है।

सिजोफ्रेनिया के सामान्य लक्षण

  • संदेह होना कि कोई पीछा कर रहा
  • भ्रम की स्थिति में रहना
  • समाज से दूरी बनाना
  • फोकस करने में परेशानी
  • अचानक गुस्सा आना
  • अजीब चीजें महसूस करना
  • सोने में समस्या होना
  • लगातार मूड बदलना
  • निर्णय लेने में असमर्थ होना
  • चीजों को भूल जाना
  • ऐसी बातें करना जिनका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं

सिजोफ्रेनिया के सामान्य कारण

कई स्टडी में पाया गया है कि सिजोफ्रेनिया की बीमारी पर्यावरणीय कारक और कुछ न्यूरोलाजिकल स्थिति के अलावा आनुवंशिकता की वजह से भी हो सकती है। सिजोफ्रेनिया के अन्य कारणों में निम्न प्रमुख हैं।
  1. आनुवंशिकी- यह विकार पारिवारिक हो सकता है।
  2. दिमाग का पूरी तरह विकास नहीं होना
  3. सबसे ज्यादा तनाव लेना
  4. हार्मोनल और शारीरिक परिवर्तन होने पर
  5. घरेलू जिम्मेदारियां और बदलती लाइफस्टाइल

स्किज़ोफ्रेनिया का इलाज कैसे किया जाता है?

मानसिक बीमारी स्किज़ोफ्रेनिया का इलाज एंटीसाइकोटिक्स दवाओं से किया जाता है। ये दवाएं सिज़ोफ्रेनिया का इलाज नहीं करती हैं, लेकिन भ्रम, मतिभ्रम और सोचने की समस्याओं सहित सबसे अधिक परेशान करने वाले लक्षणों को दूर करने में मदद करती हैं। इसके अलावा इंसान को समाज के बीच रखना और उसे हर चीज में शामिल करना भी इस बीमारी से बाहर निकलने में काफी मदद करता है। समहू चिकित्सा की मदद से भी इस बीमारी से निजात पाई जा सकती है।


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