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क्या लड़कों को भी हो सकता है Urine Infection? जानें UTI से जुड़े Myths-Facts

Anushree: UTI क्या है? इसे लेकर अगर आप भी ये ही सोचते हैं कि आमतौर पर UTI गंदे वॉशरूम के इस्तेमाल से होता है या जो लोग हाइजीन मेंटेन नहीं करते हैं उन्हें इस तरह की समस्या होती है या कहें कि महिलाओं को ही सिर्फ UTI की समस्या हो सकती है, तो ऐसा कहना […]

Anushree: UTI क्या है? इसे लेकर अगर आप भी ये ही सोचते हैं कि आमतौर पर UTI गंदे वॉशरूम के इस्तेमाल से होता है या जो लोग हाइजीन मेंटेन नहीं करते हैं उन्हें इस तरह की समस्या होती है या कहें कि महिलाओं को ही सिर्फ UTI की समस्या हो सकती है, तो ऐसा कहना गलत होगा। जी हां, शारीरिक संबंध, कम पानी का सेवन आदि चीजों से ही यूटीआई यानी मूत्र पथ संक्रमण (Urinary Tract Infection) होता है, ऐसा जरूरी नहीं है। यहां तक कि सिर्फ महिलाओं को UTI की समस्या हो सकती है ये भी जरूरी नहीं है। इसे लेकर काफी सारे मिथ्स हैं तो आइए इसके बारे में जानने के साथ ही जानते हैं कि यूरिनरी सिस्टम क्या होता है।

Urinary Tract Infection

यूरिनरी सिस्टम में होने वाले इंफेक्शन को यूटीआई कहा जाता है। इसमें ब्लैडर, यूरेथ्रा और किडनी भी शामिल होता है। इनमें सबसे कॉमन इंफेक्शन ब्लैडर में होता है, जिसे निचला मूत्र पथ (LOWER URINARY TRACT) भी कहलाता है। ये इंफेक्शन सिर्फ महिलाओं में ही नहीं पुरुषों में भी देखने को मिलता है। आधे से ज्यादा फीमेल्स को पूरी लाइफटाइम में कभी न कभी एक बार तो UTI होता ही है। मेनोपॉज (Menopause) के वक्त भी यूटिआई होना कॉमन है, जोकि बार बार भी हो सकता है लेकिन इसको लेकर काफी सारे मिथ्स है।

मिथ-1 सिर्फ फीमेल्स को होता है यूटीआई?

ज्यादातर लोगों को लगता है कि यूटीआई तो सिर्फ वजाइना में होने वाली प्रॉब्लम है फीमेल्स को होती है। बहुत लोग मानते है कि ये औरतों को होता है क्योंकि उनको ही पीरियड्स होते है, लेकिन ये सब बकवास है ये बात सच है कि फीमेल्स को यूटीआई का रिस्क ज्यादा होता है, लेकिन पीरियड्स वजाइना ये सब बेकार के लॉजिक है। इसमें कोई दो राय नहीं कि पीरियड्स में रिस्क ज्यादा बढ़ जाता है। पीरियड्स ब्लड की वजह से नहीं बल्कि बॉडी में हुए हार्मोनल परिवर्तन और हाइजीन इश्यू की वजह से होता है। फीमेल्स में यूरेथ्रा होता है जिसे मूत्रमार्ग एक ट्यूब कहा जाता है, जो मूत्राशय यानी ब्लैडर से यूरीन को बॉडी से बाहर निकालने का काम करती है। ब्लैडर शरीर का वो अंग है, जहां किडनी यूरिन को फिल्टर करने के बाद स्टोर कर देती है। ब्लैडर में जमा होकर यूरिन यूरेथ्रा की मदद से शरीर से बाहर आती है। लड़कों के शरीर में यूरेथ्रा प्रोस्टेट और प्राइवेट पार्ट से होकर गुजरती है। जबकि फीमेल्स के शरीर में ब्लैडर से सीधे वजाइना में खुलती है तो उन्हें आसानी से इंफेक्शन हो जाता है। हालांकि, लड़कों में UTI होने की वजह साफ सफाई का अभाव और किडनी स्टोन हो सकता है। इसके अलावा डायबिटीज भी UTI होने की वजह हो सकता है। इसलिए पब्लिक टॉयलेट यूज करने से पहले हाइजीन स्प्रे का इस्तेमाल करें और फिर एक बार फ्लश चलाकर ही उपयोग करें।

MYTH 2: सारे UTIs के सिम्टम्स होते हैं

Truth: यूटीआई के ज्यादातर लक्षण दिख जाते हैं जैसे- यूरीनेशन में जलन-दर्द, कलर चेंज होना, लीकेज की प्रॉब्लम, बार-बार वॉशरूम जाने का मन, कभी कभी तो खून आना पेट के नीचे के हिस्से में दर्द, स्वेलिंग, हल्का बुखार हमेशा फील होना, कंपकंपी लगना ये सब भी हो सकता है, लेकिन ये Asymptomatic भी हो सकता है। इसे Asymptomatic Bacteriuria भी कहा जाता है जिसमें किसी तरह का कोई सिम्टम्स नहीं दिखता है।

Asymptomatic Bacteriuria किन्हें हो सकता है

  • अगर आप एक फीमेल है।
  • आप प्रेग्नेंट है।
  • आप सेक्सुअली एक्टिव है।
  • urinary catheter इस्तेमाल करते हो।
  • डायबिटीज के मरीजों को।
  • बढ़ती उम्र।
  • urinary tract वाली सर्जरी हुई हो।

Myths 3: सारे UTIs Antibiotics से ठीक होते है

Truth: Asymptomatic Bacteriuria  यूरीनेशन में कोई खास दिक्कत नहीं तो फिर Antibiotics की जरूरत नहीं, लेकिन कुछ मामलों में जब हद से ज्यादा पेन हो, प्रेग्नेंट है, पहली कोई यूरेनरी ट्रैक्ट में सर्जरी हुई हो तो फिर ऐसी दवाई जरूरी हो सकती है, लेकिन uti normal है तो कुछ दिन में ठीक हो जाएगा। बेशक यूटीआई में एंटीबायोटिक लेने से तुरंत राहत मिलती है। हलांकि, कभी-कभी हमारा शरीर एंटीबायोटिक्स को स्वीकार नहीं कर पाता है, जिससे कई तरह की दिक्कतें हो सकती है। अगर यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन ज्यादा नहीं है तो वह चार से पांच दिन में खुद बखुद ही ठीक हो जाता है। वहीं, कुछ और तरीके है जैसे पानी ढेर सारा पिएं ताकी बैक्टिरिया यूरीन के साथ निकलता रहे। क्रैन बेरी विटामिन सी वाली चीजें खाएं। कुछ डॉक्टर कहते है कि यूटीआई में ज्यादा से ज्यादा एंटीबायोटिक्स खाने से आपके यूरिनरी ट्रैक्ट में रह रहे बैक्टीरिया को उन दवाओं की आदत हो जाएगी। आगे चल कर वह खुद को पहले से ज्यादा स्ट्रॉन्ग कर लेंगे और फिर उन पर एंटीबायोटिक का कोई असर नहीं होगा। ऐसे में बार-बार आप यूरिनरी इंफेक्शन के शिकार होते रहेंगे। यूटीआई में एंटीबायोटिक लेने से वजाइना के अच्छे बैक्टीरिया डैमेज हो जाते हैं, जो आमतौर पर बाहरी बैक्टिरीया से लड़ते है।

Myths 4: शारीरिक संबंध से uti नहीं होता है?

Truth: ये कुछ हद तक सही है पूरी तरीके से नहीं देखिए सेक्स से सिर्फ प्रेग्नेंसी या sti नहीं होती, कुछ को uti भी हो जाता है। डॉक्टर बताते है कि यूटीआई पैदा करने वाले बैक्टीरिया एनस के आसपास के एरिया में रहते हैं। सेक्स बैक्टीरिया को सामने की ओर शिफ्ट कर सकता है। अगर आपके पार्टनर को कोई भी बैक्टीरियल इन्फेक्शन है तो आपको UTI हो सकता है। आपके पार्टनर की साफ सफाई न रखने की आदत भी आपके लिए भारी पड़ सकती है और मल्टीपल पार्टनर होना तो आपके हेल्थ के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक है। इसीलिए शारीरिक संबंध बनाने के बाद प्राइवेट पार्ट को हर बार क्लिन करें और यूरीन करें जिससे कोई बैक्टीरिया अगर आपकी बॉडी में एंटर करें तो वो निकल जाएं।

यहां देखें वीडियो

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