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क्या नूडल्स पर लगेगा टैक्स? आइसक्रीम पर भी नजर, जाने-माने डॉक्टर ने चेताया

Ultra Processed Food: ब्राजील के महामारी एक्सपर्ट प्रोफेसर कार्लोस ऑगस्टो मोंटेरो ने प्रॉसेस्ड फूड के खतरों के बारे में चेताया है। उन्होंने मांग की है कि इस पर तंबाकू की तरह ही टैक्स लगाया जाना चाहिए।

Edited By : Pushpendra Sharma | Updated: Sep 20, 2024 19:21
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Noodles

Ultra Processed Food: दुनिया के कई देशों में नूडल्स काफी पॉपुलर हैं। इंस्टेंट बनने वाले नूडल्स आपकी भूख को जल्द ही मिटा देते हैं, लेकिन ये हेल्थ के लिए काफी खतरनाक होते हैं। जाने-माने डॉक्टर और ब्राजील के महामारी एक्सपर्ट कार्लोस मोंटेरो ने इनके उपयोग को लेकर लोगों को चेताया है। कार्लोस का मानना है कि मोटापे, डायबिटीज और यहां तक ​​कि मानसिक अस्वस्थता के बीच संबंध इतने मजबूत हैं कि अब तम्बाकू कंपनियों की तरह टैक्स लगाने का वक्त आ गया है। अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड आइटम्स पर अलार्म उठाने वाले पहले डॉक्टर का कहना है कि उनकी नजर आइसक्रीम पर भी है। प्रोफेसर कार्लोस ऑगस्टो मोंटेरो का कहना है कि इस तरह के फूड से होने वाली समस्याओं के साक्ष्य सामने आए हैं। इसमें कोई संदेह नहीं रह जाता कि सरकारों को अब कार्रवाई करने की जरूरत है।

नहीं तो त्रासदी होगी  

मोंटेरो का मानना है कि बीमारियों को कम करने के लिए अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स (UPFs) पर जितनी जल्दी हो सके, सख्त नीतियां बनाने की जरूरत है। अगर हम कार्रवाई करने के लिए 10 साल और इंतजार करते हैं, तो यह एक त्रासदी होगी।

आर्टिफिशियल फ्लेवर और कलर का उपयोग 

डॉक्टर का कहना है कि आप यह नहीं कह सकते कि मैंने आज फल-सब्जियां खा ली हैं, तो मैं कोक पी सकता हूं। इन फूड आइटम्स में अक्सर आर्टिफिशियल फ्लेवर और कलर का उपयोग किया जाता है। यूपीएफ में कोल्ड ड्रिंक्स और पैकेज्ड स्नैक्स शामिल रहते हैं। ये बेहद स्वादिष्ट होते हैं, लेकिन इनमें ज्यादा कैलोरी होती है और कम पोषक तत्व होते हैं।

तंबाकू कंपनियों की तरह करना चाहिए व्यवहार

इस साल की शुरुआत में मोंटेइरो ने साओ पाउलो में मोटापे पर इंटरनेशनल कांग्रेस को संबोधित किया था। जिसमें उन्होंने बताया कि ब्राजील में 2030 तक 68% वयस्कों के अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि ऐसी फूड बनाने वाली कंपनियों पर तम्बाकू कंपनियों की तरह व्यवहार किया जाना चाहिए। उन्हें अपनी पैकेजिंग के सामने चेतावनी लिखना अनिवार्य कर देना चाहिए। मोंटेइरो का मानना है कि सिर्फ मोटापे या मधुमेह ही नहीं, बल्कि हृदय, मानसिक, किडनी, लीवर संबंधी बीमारियों में भी इसका खतरा है।

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Written By

Pushpendra Sharma

First published on: Sep 20, 2024 07:21 PM

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