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Summer Health Tips: लू का प्रकोप गर्भवती मां और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

Summer Health Tips: गर्मियां सिर्फ पसीना और चिढ़चिढ़ापन नहीं लाती। यह प्रेग्नेंट महिलाओं की सेहत को भी प्रभावित कर सकती है। हाल ही में स्टडी में पाया गया है कि पिछले कुछ सालों से जलवायु परिवर्तन ने पृथ्वी को गर्म कर दिया है। गर्म मौसम गर्भ में पल रहे शिशु और मां दोनों के लिए किस प्रकार संकट बन गया है, आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।

Summer Health Tips: प्रेग्नेंसी कभी मौसम देखकर नहीं होती है। यह ऐसा टाइम पीरियड होता है, जिसमें गर्भवती महिला दोनों ही मौसम का अनुभव अपने प्रेग्नेंसी पीरियड में ले लेती है। इस समय देश में गर्मी का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है, जो आम लोगों को भी परेशानी दे रहा है। ऐसे में जो प्रेग्नेंट महिलाएं हैं, उन्हें अपनी सेहत का ज्यादा से ज्यादा ख्याल रखना चाहिए। जलवायु परिवर्तन से गर्मी धीरे-धीरे ज्यादा बढ़ने लगी है। पिछले पांच सालों से दुनिया के कई देशों में गर्भावस्था प्रभावित हो रही है, जिसका कारण बढ़ती गर्मी है। इस पर हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसके बारे में आपको जरूर जानना चाहिए।

क्या कहती है नई रिपोर्ट?

क्लाइमेट सेंट्रल (Climate Central) की रिपोर्ट की मानें तो दुनिया के 90 प्रतिशत देशों में गर्भवती महिलाओं को अधिक गर्मी वाले दिन झेलने पड़ते हैं, जो बदले हुए जलवायु की देन है। 2020 से 2024 के बीच सबसे ज्यादा जलवायु परिवर्तन हुआ है, वो भी नकारात्मक रूप से। ये भी पढ़ें- Summer Health Tips: दिल्ली में 45 के पार पहुंचा तापमान, बढ़ रहा हीट स्ट्रोक का खतरा, ऐसे रहें सेफ

रिपोर्ट में मिले फैक्ट्स

  • रिपोर्ट के मुताबिक, जलवायु परिवर्तन के चलते इन देशों में गर्म दिनों की संख्या बढ़ गई है।
  • गर्मी बढ़ने का कारण कोयला, गैस और तेल का जलना है।
  • औसतन हर गर्भवती महिला को अपने प्रेग्नेंसी पीरियड में 30 दिन गर्मी के अधिक देखने पड़ते हैं।
  • कई देशों में गर्मी होने का कोई अन्य कारण भी नहीं है, यदि ऐसे परिवर्तन न होते, तो वहां कभी भी शायद गर्मी पड़ती ही नहीं।

मां और शिशु पर संकट

रिपोर्ट में इस बात का दावा भी किया गया है कि गर्म दिन मां की कोख पर भी संकट बन गया है। बढ़ती गर्मी गर्भवती महिलाओं में हाई ब्लड प्रेशर का कारण बनती है, गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज के रिस्क को बढ़ाती है, कई बार गर्मी इतनी होती है कि डिलीवरी से पहले सेहत बिगड़ जाती है और उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है, गर्भ में बच्चे की मौत भी हो जाती है और कुछ मामलों में प्रसव समय से पहले शुरू हो जाते हैं।

कैसे करें खुद का बचाव?

  • दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं।
  • नारियल पानी, बेल का शरबत और नींबू पानी जैसी ड्रिंक्स पिएं।
  • दोपहर 12 से 4 बजे तक बाहर न निकलें।
  • हल्के, सूती और ढीले कपड़े पहनें।
  • धूप में निकलते समय छाता, सनग्लास और स्कार्फ का प्रयोग करें।
  • घर को ठंडा और हवादार रखें, पंखा या कूलर का इस्तेमाल करें।
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