Summer Health Tips: प्रेग्नेंसी कभी मौसम देखकर नहीं होती है। यह ऐसा टाइम पीरियड होता है, जिसमें गर्भवती महिला दोनों ही मौसम का अनुभव अपने प्रेग्नेंसी पीरियड में ले लेती है। इस समय देश में गर्मी का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है, जो आम लोगों को भी परेशानी दे रहा है। ऐसे में जो प्रेग्नेंट महिलाएं हैं, उन्हें अपनी सेहत का ज्यादा से ज्यादा ख्याल रखना चाहिए। जलवायु परिवर्तन से गर्मी धीरे-धीरे ज्यादा बढ़ने लगी है। पिछले पांच सालों से दुनिया के कई देशों में गर्भावस्था प्रभावित हो रही है, जिसका कारण बढ़ती गर्मी है। इस पर हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसके बारे में आपको जरूर जानना चाहिए।
रिपोर्ट के मुताबिक, जलवायु परिवर्तन के चलते इन देशों में गर्म दिनों की संख्या बढ़ गई है।
गर्मी बढ़ने का कारण कोयला, गैस और तेल का जलना है।
औसतन हर गर्भवती महिला को अपने प्रेग्नेंसी पीरियड में 30 दिन गर्मी के अधिक देखने पड़ते हैं।
कई देशों में गर्मी होने का कोई अन्य कारण भी नहीं है, यदि ऐसे परिवर्तन न होते, तो वहां कभी भी शायद गर्मी पड़ती ही नहीं।
मां और शिशु पर संकट
रिपोर्ट में इस बात का दावा भी किया गया है कि गर्म दिन मां की कोख पर भी संकट बन गया है। बढ़ती गर्मी गर्भवती महिलाओं में हाई ब्लड प्रेशर का कारण बनती है, गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज के रिस्क को बढ़ाती है, कई बार गर्मी इतनी होती है कि डिलीवरी से पहले सेहत बिगड़ जाती है और उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है, गर्भ में बच्चे की मौत भी हो जाती है और कुछ मामलों में प्रसव समय से पहले शुरू हो जाते हैं।
कैसे करें खुद का बचाव?
दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं।
नारियल पानी, बेल का शरबत और नींबू पानी जैसी ड्रिंक्स पिएं।
दोपहर 12 से 4 बजे तक बाहर न निकलें।
हल्के, सूती और ढीले कपड़े पहनें।
धूप में निकलते समय छाता, सनग्लास और स्कार्फ का प्रयोग करें।
घर को ठंडा और हवादार रखें, पंखा या कूलर का इस्तेमाल करें।