पसीने की बदबू दूर करने के लिए और हमेशा खुशबूदार रहने के लिए लोग परफ्यूम लगाते हैं। हालांकि, इसके इस्तेमाल पर रोकथाम करना सही नहीं है क्योंकि दुनियाभर में लाखों लोग परफ्यूम, डियोड्रेंट और इत्र जैसी चीजों का यूज करते हैं। यह एक ब्यूटी आइटम है लेकिन सीमित तरीके से इस्तेमाल न करने पर इसके दुष्प्रभाव भी झेलने पड़ सकते हैं। परफ्यूम का इस्तेमाल करने से स्किन और लंग्स में इंफेक्शन हो सकता है। मगर क्या आप जानते हैं इनका असर हमारी फर्टिलिटी हेल्थ पर भी पड़ता है? जी हां, हाल ही में IVF एक्सपर्ट ने दावा किया है कि लोगों द्वारा ऐसे आइटम्स का बेधड़क इस्तेमाल उनकी सेहत को कितना नुकसान पहुंचा रहा है। चलिए जानते हैं इस बारे में।
परफ्यूम क्यों नुकसानदायक?
परफ्यूम बनाने के लिए कई प्रकार की गैस और केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है। यह खुशबूदार तो होते हैं, मगर इनके प्रयोग से हार्मोनल इंबैलेंस की समस्या बढ़ जाती है। यह पुरुषों और महिलाओं दोनों के मेटाबॉलिक सिंड्रोम को भी इफेक्ट कर सकता है। परफ्यूम के अंदर दो खास प्रकार के केमिकल पाए जाते हैं, जिनमें थैलेट्स (Phthalates) और इंडोक्राइन डिसरप्टिंग केमिकल्स (Endocrine-disrupting chemicals) शामिल हैं। परफ्यूम बनाने के लिए इनका यूज किया जाता है। इन दोनों को शरीर के लिए हानिकारक माना जाता है।
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नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ एनवायरनमेंटल हेल्थ साइंस के मुताबिक, इंडोक्राइन डिसरप्टिंग केमिकल्स हार्मोन्स को प्रभावित कर सकते हैं। ये केमिकल्स शरीर में ब्लॉकेज की प्रॉब्लम्स को भी बढ़ा सकते हैं।
Phthalates केमिकल के बारे में नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिनकहता है कि यह रसायन गर्भावस्था को भी प्रभावित करता है, पुरुषों में स्पर्म हेल्थ को नुकसान पहुंचाता है और यदि कोई नवजात संपर्क में आता है, तो उसकी ग्रोथ में रुकावट होती है।
शरीर पर कैसा असर?
कई हेल्थ रिपोर्ट्स इस बात का खुलासा कर चुकी हैं कि इन दिनों खराब लाइफस्टाइल प्रेग्नेंसी प्लानिंग और फैमिली प्लानिंग में दिक्कतें पैदा कर रही हैं। उसमें परफ्यूम भी किसी संकट से कम नहीं है क्योंकि पुरुषों और महिलाओं के शरीर में मौजूद हार्मोन्स का केमिकल से संपर्क होने पर नुकसान होना तय है। थैलेट्स का तो कई देशों में प्रतिबंध भी लगा हुआ है। पुरुषों में स्पर्म्स की क्वालिटी खराब होने का एक कारण रसायनों का असर है और महिलाओं के फर्टिलाइजेशन वाले एग्स पर भी इसका प्रभाव होता है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
दिल्ली के इंटरनेशनल फर्टिलिटी सेंटर के सीईओ डॉक्टर सार्थक बख्शी बताते हैं कि लोगों के बीच परफ्यूम का इस्तेमाल बहुत कॉमन हो गया है। मगर लोगों को यह समझ नहीं आ रहा है कि इसका यूज शरीर के अंदर क्या असर डाल रहा है। रोजाना बार-बार स्प्रे करना कितना खतरनाक हो सकता है। केमिकल का ओवर यूज बॉडी को डैमेज कर रहा है, जिससे प्रेग्नेंसी में होने वाली दिक्कतें बढ़ गई हैं।