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मोटापा चेक करने के लिए सिर्फ BMI सही नहीं, नई रिपोर्ट में हुआ खुलासा

Obesity Diagnosis: मोटापा एक गंभीर समस्या है। अमूमन जब भी हमें शरीर का वजन सटीक मापना होता है, तो हम बीएमआई (BMI) करवाते हैं। मगर अब एक नई स्टडी कहती है कि वजन मापने के लिए हमें सिर्फ इस तरीके की मदद लेने की जरूरत नहीं है। आइए जानते हैं इस रिसर्च के बारे में।

photo credit-freepik
Obesity Diagnosis: मोटापा एक वैश्विक समस्या है, जो कि आजकल युवाओं से लेकर हर उम्र के लोगों को प्रभावित कर रहा है। इस समस्या से बच्चे भी ग्रसित है। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, दुनिया भर में 1 बिलियन से ज्यादा लोग मोटापे से प्रभावित हैं, जिसमें 40% वयस्क हैं। मोटापा मापने के लिए अब तक BMI की मदद ली जाती थी, मगर अब साइंटिस्टों ने मोटापा चेक करने के लिए एक नया तरीका खोज लिया है। जी हां, बीएमआई की मदद से मोटापे की जांच हाइट और वजन के आधार पर की जाती थी। अब नई जांच में हम मोटापा चेक करने के लिए कुछ और मानकों को भी फॉलो करेंगे, जिससे सही जानकारी और हेल्थ से रिलेटेड किसी समस्या के बारे में भी सटीक जानकारी मिलेगी। आइए इस रिसर्च के बारे में जानते हैं।

क्या है BMI?

BMI का फुलफॉर्म है बॉडी मास इंडेक्स। इसमें किसी इंसान का मोटापा हम उसकी ऊंचाई और वजन के किलोग्राम के आधार पर करते हैं। बीएमआई की गणना से इंसान का वजन कम, ज्यादा या सामान्य होने की जानकारी प्राप्त होती है। मोटापा मापने के लिए BMI के अलावा अन्य तरीकों के बारे में लैंसेट ग्लोबल कमीशन ने बताया है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, वाशिंगटन विश्वविद्यालय में मोटापा विशेषज्ञ और द लैंसेट डायबिटीज एंड एंडोक्राइनोलॉजी जर्नल में पब्लिश रिपोर्ट के 58 लेखकों में से एक डॉक्टर डेविड कमिंग्स ने इस नई रिसर्च पर कहा है कि हमारा लक्ष्य मोटापा की और सटीक रूप से जानकारी प्राप्त करना है। टीम का लक्ष्य लोगों की मदद करना है, इससे हर जरूरतमंद को समय पर सहायता मिलेगी। ये भी पढ़ें- हाई ब्लड शुगर के 5 संकेत, भूलकर भी न करें इग्नोर

मोटापे की परिभाषा बदलेगी नई रिसर्च

दरअसल, इस रिपोर्ट में हम अगर किसी की बीएमआई 30 या उससे ज्यादा होती है, तो उसे मोटा मान लेते हैं, जबकि यह गलत हो सकता है क्योंकि हर शहर में इसका मापदंड अलग हो सकता है क्योंकि हर देश में अलग-अलग लोग रहते हैं और उनके शरीर के साथ-साथ एपेटाइट भी अलग होता है। ऐसे में यह मापदंड पूरी तरह सही नहीं है। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह मापदंड हर देश के लिए अलग-अलग होना जरूरी है। इंडियन साइंटिस्ट भी इस बात पर अपनी रजामंदी दे रहे हैं। रिसर्चर्स ने मोटापे को 2 कैटेगरी में बांटा है- क्लीनिकल मोटापा और प्री-क्लीनिकल मोटापा। क्लीनिकल मोटापा में शरीर का कोई अंग काम करना बंद कर देता है, जैसे कि हार्ट या किडनी। वहीं, प्री-क्लीनिकल में कोई गंभीर बीमारी नहीं होती है, इंसान सिर्फ मोटा होता है। [caption id="attachment_760427" align="alignnone" ] Image Credit: Freepik[/caption]

क्या है नया तरीका?

मोटापा चेक करने के लिए हमें बीएमआई में हाइट और वेट के साथ-साथ अन्य मापों जैसे कमर का मांस और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के प्रमाण को भी शामिल किया जाएगा, ताकि मोटापे का कारण, वजह और बीमारी का पता लगाया जा सके।

मोटापे से होने वाली कुछ कॉमन बीमारियां

  1. हार्ट डिजीज या स्ट्रोक।
  2. डायबिटीज, खासतौर पर टाइप-2।
  3. ब्रेस्ट कैंसर और एंडोमेट्रियल कैंसर भी मोटापे से संबंधित हैं।
  4. हाई बीपी और कोलेस्ट्रॉल।
  5. फैटी लिवर की समस्या।
  6. गाउट की बीमारी।
  7. मोटापे से नींद और सांस की बीमारियों का भी जोखिम रहता है।
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