Kabj Ka Ilaj: पेट से जुड़ी अनेक दिक्कतों में से एक है कब्ज की दिक्कत. कब्ज ऐसी समस्या है जिसमें पेट सही तरह से साफ होने में दिक्कत होती है. मलत्याग सही तरह से ना कर पाने के कारण कब्ज हो जाती है जिससे मल कड़ा हो जाता है और देर तक टॉयलेट पर बैठे रहने के बाद भी मल बाहर नहीं आ पाता. कई बार व्यक्ति मलत्याग करने के लिए इतना जोर लगाता है कि मलाशय में दर्द होने लगता है. ऐसे में अगर आप भी कब्ज (Constipation) से परेशान हैं तो योगगुरु बाबा रामदेव का बताया उपाय आजमाकर देख सकते हैं. बाबा रामदेव (Baba Ramdev) ने कब्ज को दूर करने के तरीके बताए हैं और कहा है कि इन नुस्खों को आजमाने पर कब्ज जड़ से खत्म हो जाएगी. योगगुरु ने कब्ज में क्या खाना चाहिए और कैसे खाना चाहिए इस बारे में विस्तार से बताया है.
कब्ज में ऐसे खाएं खाना
बाबा रामदेव का कहना है कि इस बाता का ध्यान रहे कि आप जो कुछ खाएं उसे एकदम आराम-आराम से खाएं. खाना खाते हुए आपको लगभग आधा घंटा लगाना है. 5 या 10 मिनट में खाना खाना पाचन के लिए सही नहीं होता है. बाबा रामदेव का कहना है कि खाने के साथ क्रूरता ना करें और उसे आराम-आराम से चबाते हुए खाएं.
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ये फल हैं कब्ज की औषधि
बाबा रामदेव का कहना है कि अमरूद कब्ज में औषधि (Kabj Ki Dava) की तरह का करता है. अमरूद फाइबर से भरपूर होता है और यह पेट के लिए बेहद अच्छा है. इसके अलावा, सेब का सेवन जरूर करें. सेब को छिलके के साथ खाएं. इससे कब्ज से राहत मिलती है. सुबह खाली पेट सेब खा लिया जाए तो यह दवाई की तरह काम करता है. पपीता भी खाया जा सकता है.
मुनक्का और अंजीर भी हैं फायदेमंद
3 अंजीर और 10 से 15 मुनक्का को बीज निकालकर गर्म पानी में धो लें. इसका पानी पीने पर या इन दानों को खाने पर कब्ज दूर हो जाती है. भीगे अंजीर और भीगे मुनक्का पेट के लिए बेहद अच्छे होते हैं और पाचन को दुरुस्त रखते हैं.
कब्ज को ठीक ना करने पर क्या होता है
अगर कब्ज को लंबे समय तक ट्रीट ना किया जाए या इससे छुटकारा ना पााय जाए तो शरीर कई दिक्कतों का शिकार हो सकता है, खासतौर से मलाशय से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं.
हेमोरॉइड्स - कब्ज में व्यक्ति जरूरत से ज्यादा जोर लगाकर मलत्याग करने की कोशिश करता है. ऐसे में हेमोरॉइड्स हो सकते हैं. मलाशय में हुए हेमोरॉइड्स स्किन की गांठें होती हैं जिससे त्वचा फूल जाती है और स्टूल (Hard Stool) पास करते हुए दर्द होती है. हेमोरॉइड्स को आम भाषा में बवासीर (Bawasir) कहा जाता है.
हमेशा पेट फूला रहना - कब्ज होने पर पेट हमेशा ही फूला महसूस होता है. इससे व्यक्ति की रोजमर्रा की जिंदगी पर असर पड़ता है और चैन से उठना-बैठना भी मुश्किल हो जाता है.
गुरा में खरोंचें - कब्ज के कारण मल कड़ा हो जाता है जिससे मलत्याग करना मुश्किल होता है और इस कड़े मल के कारण गुदा में खरोंच आ सकती है. इन खरोंचों से खून भी निकल सकता है.
मल आंतों में अटक सकता है - पुरानी कब्ज के कारण मल आंतों में अटका रह सकता है और आंतों को नुकासन पहुंचाता है.
रेक्टम प्रोलैप्स - मलाशय की मसल्स पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ने और लगातार दबाव पड़ने से मसल्स कमजोर हो जाती हैं. इससे रेक्टम शरीर से बाहर लटक सकता है.
पेल्विक फ्लोर डैमेज - मसल्स पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ने पर पेल्विक फ्लोर डैमेज हो सकता है जिससे ब्लैडर यूरिन को कंट्रोस नहीं कर पाता और पेशाब की लीकेज हो सकती है.
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अस्वीकरण - इस खबर को सामान्य जानकारी के तौर पर लिखा गया है. अधिक जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें या चिकित्सक से परामर्श करें. न्यूज24 किसी तरह का दावा नहीं करता है.