Joe Biden: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन को प्रोस्टेट कैंसर हुआ है। इस बारे में उनकी टीम ने बताया है। बताया गया है कि बाइडेन को जिस प्रकार का कैंसर हुआ है, वह बहुत आक्रामक है। उनका कैंसर हड्डियों तक फैल चुका है। उन्हें यूरिन से संबंधित कुछ इंफेक्शन हुआ था, जिसके बाद उनकी मेडिकल टीम ने पुष्टि की है कि बाइडेन कैंसर पीड़ित है। फिलहाल उनके कैंसर के लिए टीम सही इलाज की तलाश कर रही है। प्रोस्टेट कैंसर जो प्रोस्टेट अंगों के पास फैलता है और हड्डियों तक फैलता है। बाइडेन की भी हड्डियों तक यह कैंसर फैल चुका है। मगर उनकी टीम की मानें तो बाइडेन के कैंसर का इलाज संभव है। आइए जानते हैं इस कैंसर के लक्षणों, बचाव और उपचार।
जो बाइडेन को कौन सा कैंसर हुआ है?
रिपोर्ट के मुताबिक, जो बाइडेन को प्रोस्टेट कैंसर हुआ है। इस प्रकार का कैंसर सिर्फ पुरुषों को ही होता है, प्रोस्टेट ग्लैंड्स मर्दों में ही पाया जाता है। यह ग्लैंड्स ब्लैडर के नीचे होता है और वीर्य का निर्माण करने में मदद करती है। हेल्थ रिपोर्ट्स की मानें तो प्रोस्टेट कैंसर दुनिया का दूसरा आम कैंसर है और यूके के 13% पुरुष इस कैंसर से पीड़ित हैं। यह धीमी गति से बढ़ने वाला कैंसर होता है और मुख्यत: 80 वर्ष की आयु के बाद पता लगती है। हालांकि, 50 वर्ष से अधिक वाले पुरुषों को इस कैंसर का जोखिम रहता है।
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क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
मैक्स हेल्थकेयर, मेडिकल ऑन्कोलॉजी, कैंसर केयर/ऑन्कोलॉजी के निदेशक डॉ. कुमारदीप दत्ता चौधरी बताते हैं कि प्रोस्टेट कैंसर तब होता है जब प्रोस्टेट ग्रंथि के सेल्स अनियंत्रित तरीके से बढ़ने लगते हैं और यह कैंसर बन जाता है। ये सेल्स धीरे-धीरे आसपास के टिश्यूज या शरीर के अन्य हिस्सों जैसे हड्डियों या लिम्फ नोड्स में भी फैल सकती हैं। इस स्थिति को मेटास्टेसिस कहते हैं। अगर किसी को प्रोस्टेट कैंसर होता है, तो सबसे पहले यह जांच करनी होती है कि यह कैंसर कितना और किन-किन अंगों तक फैला हुआ है।
बाइडेन की टीम के मुताबिक, उन्हें अग्रेसिव कैंसर है, जिसके इलाज के लिए उन्हें रेडिएशन थेरेपी, सर्जरी और हार्मोनल इंजेक्शन की जरूरत होती है। इलाज उनके कैंसर के प्रकार पर निर्भर करता है।
प्रोस्टेट कैंसर के संकेत
पेशाब करने में कठिनाई या रुकावट महसूस करना।
बार-बार पेशाब आना, खासकर रात के समय।
पेशाब या स्पर्म्स में खून दिखना।
कमर, पीठ और जांघों में दर्द होना।
कुल्हों में दर्द महसूस करना।
इरेक्टल डिस्फंक्शन के समय दर्द होना।
क्या है कारण?
इस कैंसर के कुछ कारण हो सकते हैं-
उम्र- 50 वर्ष से अधिक आयु के पुरुषों में इसका खतरा अधिक होता है।
पारिवारिक इतिहास- यह कैंसर जेनेटिकल भी होता है और इसमें बहुत संभावना होती है कि पिता के बाद बेटे के हों।
नस्ल- बता दें कि अफ्रीकी या अफ्रीकी-अमेरिकी पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर का जोखिम अधिक होता है।
लाइफस्टाइल- अगर खान-पान और लाइफस्टाइल सही नहीं है तो भी यह कैंसर पुरुषों को हो सकता है।
कुछ अन्य कारक- जैसे कि मोटापा, धूम्रपान और शराब का सेवन करने से भी इस कैंसर का रिस्क रहता है।
प्रोस्टेट कैंसर की जांच के लिए जरूरी टेस्ट
पीएसए टेस्ट (Prostate-Specific Antigen)- इसमें खून का टेस्ट होता है, जो प्रोस्टेट कैंसर का संकेत दे सकता है।
डिजिटल रेक्टल एग्जाम (DRE)- इसमें डॉक्टर प्रोस्टेट को अपनी उंगलियों की मदद से जांच कर कैंसर का पता लगाता है।
बायोप्सी- यदि संदेह होता है, तो प्रोस्टेट के टिश्यूज का नमूना लेकर भी जांच की जाती है।
निदान क्या है?
प्रोस्टेट कैंसर में सर्जरी करके प्रोस्टेट को निकाला जाता है।
रेडिएशन थेरेपी- कैंसर सेल्स को मारने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।
शरीर में टेस्टोस्टेरोन को कम करने के लिए हार्मोन थेरेपी दी जाती है।
कीमोथेरेपी करवाई जा सकती है।
रोबोटिक्स ट्रीटमेंट के जरिए भी इलाज किया जा सकता है।
बचाव के लिए अपनाएं ये तरीके
आपको बचाव के लिए इस कैंसर की रोकथाम पर ध्यान देना होगा। यहां कुछ जरूरी बातें बताई गई हैं:
वजन नियंत्रित रखें।
नियमित रूप से मेडिकल जांच करवाएं, जैसे कि पीएसए टेस्ट।