Hypothyroid Treatment And Diet: हाइपोथायरायडिज्म एक आम समस्या है, जिससे दुनियाभर में कई लोग पीड़ित हैं। इस बीमारी में थायराइड की ग्रंथियों का उत्पादन कम हो जाता है, जो हमारे रोजाना के कामों को करने के लिए जरूरी होता है। हाइपोथायरायडिज्म का शिकार अधिकतर महिलाएं होती हैं। इस बीमारी में मेटाबॉलिज्म वीक होता है और हार्मोनल इंबैलेंस की समस्या बढ़ती है। इस बीमारी के शुरुआती संकेतों में वजन बढ़ना, थकान और बाल झड़ने जैसे लक्षण शामिल होते हैं। हाइपोथायरायड गले में उत्पन्न होता है। आइए जानते हैं इस बीमारी के बारे में सब कुछ और इससे राहत पाने के लिए कुछ उपाय।
डाइटीशियन और यूट्यूबर प्रेरणा बताती हैं कि इस प्रकार का थायराइड भारत में ज्यादा एक्टिव है, वो भी महिलाओं में। इससे बचाव के लिए आपको पर्याप्त नींद लेने की जरूरत होती है। मोबाइल फोन्स और स्क्रीन्स का ज्यादा इस्तेमाल भी थायराइड के प्रभाव को बढ़ा सकता है। हाइपोथायरायड आयोडीन की कमी से हो सकता है। कुछ दवाओं के प्रभाव से भी इसका रिस्क बढ़ता है। इसके अलावा, जेनेटिक्स से भी यह बीमारी हो सकती है।
हाइपोथायरायडिज्म को कैसे कम करें?
डाइटीशियन के अनुसार, हाइपोथायरायडिज्म के रिस्क को कम करने के लिए आपको लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करने की जरूरत है। जैसे-
ब्राजील नट्स खाएं- हाइपोथायरायडिज्म के मरीजों को रोजाना रातभर पानी में भिगोकर 2 से 3 ब्राजील नट्स का सेवन करना चाहिए।
रोजाना एक्सरसाइज- इससे पीड़ित लोगों को रोजाना व्यायाम भी करना चाहिए।
तनाव- थायराइड में तनाव कम से कम लेना चाहिए, क्योंकि स्ट्रेस से हार्मोन असंतुलन बढ़ता है।
अच्छी डाइट- प्लांट-बेस्ट डाइट का सेवन बढ़ाएं। खाने में सलाद रोजाना खाएं और तेल कम से कम खाएं।
हाइपोथायरायडिज्म के लक्षण
थकान और कमजोरी महसूस करना।
ठंड लगना।
लगाता कब्ज होना।
वेट गेन।
बाल झड़ना और ड्राई स्किन।
इसके अलावा अगर दवाओं का सेवन करना शुरू कर दिया है तो ध्यान रखें, समय-समय पर जांच करवाते रहें और इसकी दवा खाली पेट लेनी चाहिए।
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