लिवर शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। इस अंग का काम शरीर में खाने से पोषक तत्व प्राप्त करना और सेहत को सही रखना है। लिवर खून बनाने का भी काम करता है। अगर किसी कारण इस अंग में कोई परेशानी हो जाए या यह बीमार हो जाए, तो जोखिम पूरे शरीर को उठाना पड़ सकता है। जी हां, कई बार हमारी कुछ खराब आदतों के कारण लिवर डैमेज होने लगता है, जिसमें शराब पीना, स्मोकिंग और तला-भुना खाना ज्यादा खाना शामिल होता है। इसके अलावा, स्ट्रैस भी फैटी लिवर डिजीज का एक सबसे प्रमुख कारण है। जी हां, स्ट्रैस जिसे बीपी और हार्ट की बीमारियों की वजह माना जाता था, वह लिवर को भी डैमेज कर सकता है। आइए जानते हैं डॉक्टर से इसके बारे में सब कुछ।
भारत में लिवर रोगियों का आंकड़ा कितना?
भारत में लिवर की बीमारियों के मामले काफी अधिक हैं। यहां 65% लोगों में फैटी लिवर डिजीज के मौजूद है, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि ये लोग 85% तक शराब का सेवन नहीं करते हैं। फैटी लिवर लाइफस्टाइल रिलेटेड प्रॉब्लम है, जो कि खराब जीवनशैली से ही होती है, मगर शराब पिएं बगैर भी लोगों में इसके मरीज पाए जा रहे हैं,यानी कारण कोई और है। एक्सपर्ट की मानें तो यह एक साइलेंट किलर बीमारी भी है, जो युवा वर्ग के लोगों में ज्यादा पाई जाती है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
अपोलो अस्पताल, इंटरनेशनल मेडिसिन विभाग के सीनियर डॉक्टर सुरनजीत चैटर्जी बताते हैं कि लाइफस्टाइल अगर खराब है तो साइलेंट बीमारियां शरीर में पैदा होंगी। भारत में 65% फैटी लिवर, 26% हाई बीपी और विटामिन-डी की कमी पुरुषों में 82% और महिलाओं में 77% है। यह आंकड़ा अपोलो के सर्वे हेल्थ ऑफ द नेशन का है। फैटी लिवर की समस्या का समाधान करना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि लाइफस्टाइल से जुड़ा यह रोग युवाओं को प्रभावित कर रहा है।
स्ट्रैस और फैटी लिवर के बीच कनेक्शन?
अगर कोई लंबे समय तक मानसिक तनाव में रहता है, तो उसके शरीर में कॉर्टिसोल नाम का हार्मोन बढ़ जाता है। यह हार्मोन लिवर पर असर डालता है और फैट जमा करने की प्रक्रिया को तेज कर देता है। इसके अलावा, तनाव में लोग अक्सर अनहेल्दी खाना खाने लगते हैं, एक्सरसाइज छोड़ देते हैं और नींद में भी कमी महसूस करते हैं, जो सब फैटी लिवर का कारण बन सकते हैं।
फैटी लिवर के अनदेखे लक्षण
- थकान महसूस करना।
- पेट में भारीपन।
- वजन बढ़ना या वजन घटना।
- स्किन या आंखों में पीलापन।
- भूख में कमी या अपच की समस्या होना।
बचाव के लिए अपनाएं ये टिप्स
1- लंबी सिटिंग से बचें।
2- सही खान-पान, फाइबर, प्रोटीन और अनाजों को शामिल करें।
3- नींद और स्ट्रैस मैनेज करें।
ये भी पढ़ें- छोटी उम्र में साइलेंट अटैक क्यों?
Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।