Diabetes Controlling Tips: शुगर की बीमारी यानी डायबिटीज और बढ़ा हुआ शुगर लेवल दो अलग-अलग समस्याएं है। यदि किसी के शरीर का ब्लड शुगर लेवल बढ़ा है, तो वह डायबिटीज नहीं मानी जा सकती है। क्योंकि डायबिटीज में शुगर का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ा होता है। इसमें इंसुलिन रेजिस्टेंस को कंट्रोल करना होता है, ताकि मधुमेह से आपके शरीर के अन्य अंग विफल न हो जाए। वहीं, जिसका सिर्फ शुगर लेवल हाई होता है, वह अपने खान-पान को सुधारकर इसे नियंत्रित कर सकते हैं। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉक्टर सलीम जैदी बताते हैं कि शुगर के लेवल को कंट्रोल करने के लिए आपको कम से कम 21 दिनों तक इस प्लान को फॉलो करना चाहिए।
5. एक्सपर्ट गाइडेंस- डॉक्टर बताते हैं कि कई बार लोगों को समझने में दिक्कत होती है कि उन्हें अपना डेली रूटीन कैसा रखना है, तो वह बिना किसी झंझट के अपने डॉक्टर या किसी स्पेशलिस्ट से सलाह ले सकते हैं। डॉक्टर आपको प्राकृतिक उपायों और व्यायामों के बारे में भी बताएंगे।
क्या है यह 5 स्टेप एक्शन प्लान?
1. टेस्ट- डॉक्टर बताते हैं शुगर को मैनेज करने के लिए आपको सबसे पहले सही शुगर की जांच करवानी होती है। ब्लड शुगर टेस्ट कराने के लिए फास्टिंग ब्लड शुगर और HbA1C टेस्ट नहीं इसके साथ-साथ फास्टिंग इंसुलिन टेस्ट और सी-पेपटाइड टेस्ट भी करवाना चाहिए। ये भी पढ़ें- हार्ट अटैक से बचना है? रोज खाएं इतनी मात्रा में ये सब्जी, रिसर्च में हुआ खुलासा 2. स्ट्रेन्थ ट्रेनिंग- डायबिटीज के बाद सिर्फ वॉकिंग या कार्डियो करेंगे, तो इससे शुगर को संतुलित नहीं किया जा सकेगा। आपको इसके लिए स्ट्रेन्थ ट्रेनिंग भी करना चाहिए, क्योंकि हमारी मसल्स में ही सबसे ज्यादा ग्लूकोज होता है। स्क्वैट्स, पुशअप्स और डंबल्स उठा सकते हैं। 3. रिमूव रिफाइन फूड्स- डॉक्टर बताते हैं कि शुगर लेवल को कम करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको सबसे पहलो तो अपनी डाइट से रिफाइन फूड्स को हटाना है। इन फूड्स की जगह हाई फाइबर फूड्स जैसे लौकी, टिंडा और पालक खाना चाहिए। 4. प्रोटीन इनटेक- शुगर को कंट्रोल करने के लिए आपको अपनी डाइट में प्रोटीन के इनटेक को बढ़ाना चाहिए। ये एक ऐसा न्यूट्रिएंट होता है, जिसकी मदद से आपको लंबे समय तक भूख नहीं लगेगी और न ही शरीर में इससे इंसुलिन रेजिस्टेंस होगा। अगर किसी का वजन 60 किलो है, तो उसे रोजाना कम से कम 60 ग्राम प्रोटीन खाना चाहिए।21 दिनों में दिखेगा असर
- जी हां, इस एक्शन प्लान को फॉलो करने से शुगर लेवल नियंत्रित होता है।
- इससे हमारे बढ़े हुए वजन में भी कमी आती है।
- एनर्जी में बढ़ोतरी देखेंगे।
- दवाओं पर निर्भरता कम होगी।