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Cancer Treatment Side Effects: कैंसर के इलाज का एक तगड़ा साइड इफेक्ट, स्टडी में हुआ खुलासा

Cancer Treatment Side Effects: प्रोस्टेट कैंसर के इलाज में स्किन पैच ट्रीटमेंट करवाया जाता है, जिसे हॉर्मोन थेरेपी कहा जाता है। ये पैच टेस्टोस्टेरोन प्रोडक्शन को कम करके कैंसर सेल्स की ग्रोथ की रोकथाम करते हैं। हालांकि, इन पैच ट्रीटमेंट के कुछ नुकसान भी हो सकते हैं।

Cancer treatment side effects
Cancer Treatment Side Effects: प्रोस्टेट कैंसर के इलाज में स्किन पैच ट्रीटमेंट, जो कि हॉर्मोन थेरेपी का हिस्सा है। यह एक जरूरी ट्रीटमेंट होता है, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी होते हैं, जिन्हें समझना और जानना बेहद जरूरी है। इस इलाज की मदद मुख्यत: उन मामलों में की जाती है, जहां प्रोस्टेट कैंसर हार्मोन-निगेटिव होता है या टेस्टोस्टेरोन का स्तर अनियंत्रित होता है। स्किन पैच टेस्टोस्टेरोन के उत्पादन को नियंत्रित करने के लिए काम करते हैं और इस प्रकार कैंसर सेल्स को भी बढ़ने से रोकते हैं। इसके नुकसानों में कई गंभीर साइड-इफेक्ट शामिल हैं। आइए जानते हैं स्टडी के बारे में। ये भी पढ़ें- Gall Bladder Stone होने के संकेत देते हैं ये 3 बदलाव

क्या कहती है स्टडी?

प्रोस्टेट कैंसर के इस ट्रीटमेंट को एंड्रोजन डेप्रिवेशन थेरेपी (ADT) कहते हैं। इस थेरेपी में दवाओं के जरिए हार्मोन के स्तर को नियंत्रित किया जाता है या फिर सर्जरी से भी यह थेरेपी करवाई जा सकती है। इस थेरेपी के फायदों में कैंसर की वृद्धि धीमी होती है और प्रोस्टेट कैंसर को कम करने में भी लाभ होता है, लेकिन स्टडी में कुछ नुकसान भी बताए गए हैं। दरअसल, सैन फ्रांसिसको में 2025 ASCO जेनिरेटरी कैंसर संगोष्ठी में कैंसर के कुछ नए परीक्षण पेश किए जा रहे हैं, जिसमें प्रोस्टेट कैंसर की हार्मोन थेरेपी के नुकसानों पर भी रोशनी डाली गई है। लंदन में इस पर एक रिसर्च की गई है जिसमें रिसर्च हेड डॉक्टर निक जेम्स ने बताया है कि इससे हार्मोन का स्तर कम होता है लेकिन इससे एस्ट्रोजन भी घटता है, जो कि नुकसानदायक होता है।

क्या है साइड-इफेक्ट्स

  • 1. हड्डियों में घनत्व की कमी- इस थेरेपी को करवाने से हड्डियों में डेंसिटी कम हो जाती है, जिससे दर्द और कमजोरी बढ़ती है।
  • 2. त्वचा पर रिएक्शन- पैच के संपर्क में आने से कुछ लोगों की स्किन पर जलन, खुजली या रैश हो सकता है। कभी-कभी पैच के स्थान पर लालिमा या सूजन भी हो सकती है।
  • 3. इंटरकोर्स में कमी- हॉर्मोनल थेरेपी के कारण यौन इच्छाओं में कमी हो सकती है। यह इलाज का एक आम साइड इफेक्ट है और कुछ लोगों में ऐसी समस्या भी देखी जा सकती है।
इसके अलावा, हार्ट, लीवर और किडनी जैसे अंगों को भी क्षति हो सकती है। कुछ मामलों में इससे मेंटल हेल्थ को भी नुकसान पहुंचता है, जिससे मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन और गुस्सा भी बढ़ जाता है। ये भी पढ़ें- Vitamin B-12 Benefits: शरीर के लिए क्यों जरूरी यह विटामिन Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।


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