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Benefits of Breast Milk: क्या मां का दूध पीने से बढ़ सकता है बच्चे का वजन, जानिए एक्सपर्ट्स की राय

Breastfeeding Advantages: शिशुओं के लिए मां का दूध सबसे पौष्टिक माना जाता है। मां का दूध पीने वाले बच्चे ज्यादा सेहतमंद और अच्छे से ग्रोथ करते हैं। पर सवाल ये है कि क्या मां का दूध पीने से बच्चे का वजन बढ़ सकता है? जानिए

Breastfeeding Advantages
Breastfeeding Advantages: मां का दूध शिशु के लिए सबसे अच्छा और पौष्टिक भोजन माना जाता है। मां के दूध को प्रकृति का सेहतमंद उपहार माना जाता है। इस दूध के सेवन से छोटे बच्चों की सेहत अच्छी रहती है और उनका विकास अच्छे से होता है। स्तनपान से बच्चे की एंटीबॉडीज बनती है। ब्रेस्ट मिल्क पीने से बच्चे के एंजाइम्स स्ट्रांग होते हैं। हालांकि, स्तनपान से मां और बच्चे दोनों की सेहत को लाभ मिलता है पर मां के दूध से बच्चे का वजन बढ़ सकता है या नहीं, इसका जवाब क्या है?

स्तनपान से बढ़ेगा बच्चे का वजन?

इसपर अबतक कोई रिसर्च नहीं हुई है लेकिन कुछ हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि मां का दूध बच्चे के वजन को बढ़ाने में मदद नहीं करता, मां के दूध में बाजार वाले स्पेशल फार्मूलेटिड दूध जैसे गुण नहीं होते जो बच्चे के वजन को बढ़ा सकती है। मां का दूध बच्चे को शुरुआती छह महीनों तक अन्य भोजन के साथ पिलाना जरूरी होता है। इसके बाद बच्चे को सामान्य भोजन दिया जा सकता है। एक रिपोर्ट के अनुसार जिन बच्चों ने मां का दूध सिर्फ छह महीने तक पिया है उनमें मोटापे की समस्या फार्मूलेटिड दूध वाले बच्चों से काफी कम है। ये भी पढ़ें- डरा रहा Monkeypox का घातक स्ट्रेन Clade-1, अब यह सबसे कारगर दवा भी बेअसर

ब्रेस्ट मिल्क के फायदे

शिशु को मां का दूध पिलाने से उनकी स्किन मॉइश्चराइज रहती है। ये दूध बच्चों की हड्डियां मजबूत बनाता है। मां के दूध के सेवन से छोटे बच्चों को डायपर रैश की समस्या नहीं होती। ब्रेस्ट मिल्क छोटे बच्चों के घावों को भरने में मदद करता है। इस दूध के सेवन से बच्चे प्रदूषण के हानिकारक प्रभाव से बचते हैं। इसके अलावा मां का दूध बच्चों में ओमेगा-3, 6 फैटी एसिड्स, प्रोटीन, कैल्शियम और गुड फैट्स की पूर्ति करता है। [caption id="attachment_831472" align="aligncenter" ] breastfeeding[/caption]

ब्रेस्टफीडिंग से मां को भी मिलते हैं ये लाभ

स्तनपान से मां को डिलीवरी के बाद हार्मोनल डिसबैलेंस से राहत मिलती है। इससे मां तनाव मुक्त रहती है। ब्रेस्टफीडिंग से मां का बढ़ा हुआ वजन भी नियंत्रित हो जाता है। स्तनपान कराने से मां ओवरी कैंसर का शिकार होने से बच सकती है। ये भी पढ़ें-  Mpox Virus को लेकर कितना तैयार है भारत? पाकिस्तान में केस कन्फर्म होने से मचा हड़कंप   Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।


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