नेचुरली कीटाणुओं को मारता है
केले के पत्तों में नेचुरल एंटी माइक्रोबियल गुण होते हैं जो भोजन में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को मारने में मदद करते हैं। इसलिए केले के पत्ते पर खाना खाने से फूड बोर्न (फूड प्वाइजनिंग) बीमारियों का खतरा कम हो सकता है।न्यूट्रिशन कितना है
केले के पत्तों में पॉलीफेनोल, विटामिन ए और विटामिन सी जैसे कई जरूरी पोषक तत्व होते हैं। जब भोजन को केले के पत्ते पर रखा जाता है, तो इनमें से कुछ पोषक तत्व भोजन में चले जाते हैं, जिससे इसका पोषण और बढ़ जाता है।नॉन टॉक्सिक
कुछ सिंथेटिक प्लेटों या केले के पत्तों नॉन टॉक्सिक होते हैं। वे भोजन में हानिकारक केमिकल चीजें नहीं छोड़ते हैं, जिससे खाना सेफ रहता है और सेहत को कोई हानि नहीं होती है।एनवायरनमेंट फ्रेंडली
डिस्पोजेबल प्लेट्स की बदले आप केले के पत्तों का यूज कर सकते हैं। इससे एनवायरनमेंट फ्रेंडली बनाने में मदद मिलती है। यह प्लास्टिक या फोम प्लेट्स की जरूरत को कम करता है, जो प्रदूषण को बढ़ाते हैं।बायोडिग्रेडेबल
केले के पत्ते बायोडिग्रेडेबल होते हैं, जिसका मतलब है कि वे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना आसानी से टूट जाते हैं। यह उन्हें भोजन परोसने के लिए एक अच्छा ऑप्शन बनाता है।पाचन को बढ़ावा देता है
केले के पत्ते पर भोजन करने से पाचन पर अच्छा प्रभाव पड़ सकता है। केले के पत्तों में पाए जाने वाले पॉलीफेनॉल पाचन एंजाइमों के प्रोडक्शन को उत्तेजित करते हैं, जिससे बेहतर पाचन और पोषक तत्वों के सोखने में सहायता मिलती है।सेहत के लिए वरदान
गर्म चीजों को प्लास्टिक के बर्तनों में परोसने से प्लास्टिक के कुछ अंश खाने में मिलते हैं। इससे सेहत पर असर पड़ता है। वहीं, केले के पत्ते में एंटी-ऑक्सीडेंट्स के गुण पाए जाते हैं, इससे सेहत को फायदा मिलता है। ये भी पढ़ें- खाली पेट दही खाने से किन 5 बीमारियों से होता है बचावDisclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की राय अवश्य ले लें। News24 की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।