Ankita Murder Case: उत्तराखंड (Uttarakhand) के ऋषिकेश (Rishikesh) में हुए रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी हत्याकांड (Ankita Bhandari Murder Case) के बाद पीड़ित परिवार से मिलने के लिए कांग्रेस नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) उनके घर पर पहुंचे। यहां उन्होंने परिवार से बात कीं। उनका दुख बांटा। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस दौरान मुख्यमंत्री धामी के नाम 9 मांगों वाला एक ज्ञापन उन्हें सौंपा गया है। ज्ञापन में परिवार को एक करोड़ रुपये, सरकारी नौकरी और अंकिता के नाम पर स्मारक बनाने की मांग की गई है।
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ये हैं सभी नौ मांगें
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अंकिता भंडारी के घर पीड़ित परिवार से मिलने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि पूरा उत्तराखंड उनके साथ है। मीडियो रिपोर्ट्स के मुताबिक पीड़ित पिता वीरेंद्र सिंह भंडारी ने उन्हें मुख्यमंत्री धामी के नाम एक ज्ञापन सौंपा। इसमें परिवार को एक करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता, अंकिता के नाम पर गांव मल्ली से बरमुंडी की सड़क का नामकरण, अंकिता के नाम पर एक स्मारक, पीड़ित परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी मिले।
इसके अलावा अंकिता जिस रिजॉर्ट में काम करती थी, वहां आदर्श विद्यालय खुले, 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान में अंकिता के नाम पर पुरस्कार, पुलकित आर्य के भाई और पिता को जांच पूरी होने तक कस्टडी में रखना, पुलकित के भाई और पिता जांच को प्रभावित न करें, अंकिता के हत्यारों को जल्द से जल्द फांसी की सजा और आरोपियों का कोई भी वकील केस न लड़े।
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गलत काम का दबाव न मानने पर हुई थी हत्या!
बता दें कि 18 सितंबर को अंकिता के पिता वीरेंद्र सिंह भंडारी की ओर से अंकिता के लापता होने की शिकायत संबंधित राजस्व पुलिस चौकी में की गई थी। उसका कोई सुराग न लगने पर जिलाधिकारी ने मामले की जांच लक्ष्मण झुला पुलिस को सौंपी थी। पुलिस ने 24 घंटे के अंदर अंकिता के शव को चिल्ला नहर से बरामद करते हुए रिजॉर्ट के मालिक और भाजपा के निष्कासित नेता के बेटे पुलकित आर्य समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया था।
पुलिस की जांच में सामने आया था कि पुलकित अपने रिजॉर्ट में आने वाले ग्राहकों 'एक्ट्रा सर्विस' देने के लिए अंकित पर दबाव बना रहा था। अंकिता इसका विरोध कर रही थी। उसे दस हजार रुपये देने की भी पेशकश की गई थी। अंकिता की ओर से लगातार विरोध किए जाने के कारण आरोपियों ने उसकी हत्या कर दी।
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