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RSS की विजयादशमी: पहली बार महिला चीफ गेस्ट, मंदिर, महिला सशक्तिकरण और जनसंख्या नीति पर बोले संघ प्रमुख मोहन भागवत

नई दिल्ली: नागपुर में बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने विजयादशमी मनाई। इस दौरान शस्त्र पूजा किया गया। पहली बार महिला मुख्य अतिथी इस कार्यक्रम में शामिल हुईं। पर्वतारोही संतोष यादव दशहरा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं। संतोष यादव दो बार माउंट एवरेस्ट फतेह करने वाली दुनिया की एक मात्र […]

नई दिल्ली: नागपुर में बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने विजयादशमी मनाई। इस दौरान शस्त्र पूजा किया गया। पहली बार महिला मुख्य अतिथी इस कार्यक्रम में शामिल हुईं। पर्वतारोही संतोष यादव दशहरा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं। संतोष यादव दो बार माउंट एवरेस्ट फतेह करने वाली दुनिया की एक मात्र महिला हैं।  अपने भाषण में मोहन भागवत ने कहा कि समाज में सभी के लिए मंदिर, पानी और श्मशान एक होने चाहिए। उन्होंने संघ के स्वयंसेवकों से इसके लिए प्रयास करने की अपील की। मोहन भागवत ने कहा कि ऐसे प्रयास संघ के स्वयंसेवक करेंगे तो समाज में विषमता को दूर किया जा सकेगा। अभी पढ़ें ओवैसी ने भागवत पर लगाया ‘डराने’ का आरोप, पूछा- जब हिंदू-मुसलमानों का DNA एक तो असंतुलन कहां है संघ के दशहरा समारोह में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस, सरसंघचालक डा। मोहन भागवत मौजूद थे। आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने दशहरे पर अपने भाषण में समाज में एकता की अपील की है। खासतौर पर दलितों के खिलाफ अत्याचार का जिक्र करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि कौन घोड़ी चढ़ सकता है और कौन नहीं, इस तरह की बातें अब समाज से विदा हो जानी चाहिए। मोहन भागवत ने कहा कि जो सारे काम पुरुष करते हैं, वह महिलाएं भी कर सकती हैं। लेकिन जो काम महिलाएं कर सकती हैं, वो सभी काम पुरुष नहीं कर सकते। महिलाओं को बराबरी का अधिकार, काम करने की आजादी और फैसलों में भागीदारी देना जरूरी है। यह जरूरी है कि महिलाओं को सभी क्षेत्रों में बराबरी का अधिकार और काम करने की आजादी दी जाए। हम इस बदलाव को अपने परिवार से ही शुरू कर रहे हैं। हम अपने संगठन के जरिए समाज में ले जाएंगे। जब तक महिलाओं की बराबरी की भागीदारी निश्चित नहीं की जाएगी, तब तक देश की जिस तरक्की को हासिल करने की हम कोशिशें कर रहे हैं, उसे हासिल नहीं किया जा सकता। संघ प्रमुख ने जनसंख्या नीति को लेकर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि जनसंख्या में प्रमाण का भी संतुलन चाहिए। जनसंख्या असंतुलन का गंभीर परिणाम हम भुगते हैं। ये पचास साल पहले हुआ था लेकिन आज के समय में भी ऐसा हो रहा है। पूर्वी तिमोर नाम का एक नया देश बना, दक्षिण सुड़ान नाम का एक देश बना। कोसोवो बना।  जनसंख्या में अंतर आने से नए देश बन गए, देश टूट गए। अभी पढ़ें Dussehra 2022: दिल्ली में इन पांच स्थानों पर हो रहा है रावण दहन, देखने के लिए जाने कहां-कहां से आते हैं लोग उन्होंने कहा कि एक व्यापक जनसंख्या नियंत्रण नीति की जरूरत है। जो सभी पर बराबरी से लागू होती हो। राष्ट्रहित को ध्यान में रखते हुए जनसंख्या असंतुलन पर हमें नजर रखनी होगी। जब सभी पर बराबरी से एक नीति लागू होगी तो किसी को भी रियायतें नहीं मिलेंगी। कुछ साल पहले फर्टिलिटी रेट 2.1 था। दुनिया की आशंकाओं से उलट हमने बेहतर किया और इसे 2 तक लेकर आए। अभी पढ़ें   देश से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें


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