ED Raids In Harak Singh Rawat Residences : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को कई राज्यों में छापेमारी की है। यह कार्रवाई उत्तराखंड के पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरक सिंह रावत के खिलाफ चल रही है। जांच एजेंसी की टीमों ने एक साथ उनके कई ठिकानों में छापा मारा है। साथ ही ईडीकी टीम अन्य लोगों के घरों पर भी पहुंची है।
सूत्रों का कहना है कि वन घोटाले मामले में ईडी ने हरक सिंह रावत के घर पर छापा मारा है। इस केस में उत्तराखंड, दिल्ली और उत्तराखंड में एक दर्जन से अधिक ठिकानों पर तलाशी चल रही है। जांच एजेंसी ने डिफेंस कॉलोनी में पूर्व मंत्री के करीबी के आवास पर भी रेड मारी है। साथ ही प्रवर्तन निदेशालय ने कांग्रेस नेता के देहरादून स्थित घर पर कार्रवाई की। टीम उनके और भी ठिकानों पर पहुंची, जहां सर्च अभियान जारी है।
यह भी पढे़ं : ED Raids: फिर से बंगाल में एक्टिव हुई ED, ममता के इन मंत्रियों के घर मारा छापाफॉरेस्ट लैंड स्कैम केस में चल रही कार्रवाई
फॉरेस्ट लैंड स्कैम केस में ईडी की कार्रवाई चल रही है। इससे पहले साल 2023 के अगस्त महीने में हरक सिंह रावत के खिलाफ विजिलेंस विभाग ने एक्शन लिया था। जांच एजेंसी की कार्रवाई कई राज्यों में चल रही है। ईडी टीम उत्तराखंड के साथ दिल्ली और चंडीगढ़ में पूर्व मंत्री और उनके करीबियों के ठिकानों पर छापेमारी कार्रवाई कर रही है।
2022 में भाजपा ने पार्टी से हरक सिंह रावत को निकाला था बाहर
आपको बता दें कि हरक सिंह रावत ने साल 2016 में पूर्व सीएम हरीश रावत के खिलाफ बगावत कर बीजेपी का दामन थाम लिया था। इस दौरान उनके साथ 10 विधायक शामिल हुए थे। इसके बाद भाजपा ने साल 2022 में अनुशासनहीनता की वजह से उन्हें कैबिनेट और पार्टी दोनों से बर्खास्त कर दिया था। इसके बाद वे फिर वापस कांग्रेस में आ गए।
यह भी पढ़ें : RPSC Paper Leak ED Raids: पेपरलीक मामले में दूसरे दिन भी ईडी की छापेमारी, शक के घेरे में आए कई लोगक्या है फॉरेस्ट लैंड स्कैम केस
जब हरक सिंह रावत उत्तराखंड के वन मंत्री थे उस वक्त उनके कार्यकाल के दौरान टाइगर सफारी परियोजना के तहत कॉर्बेट पार्क की पाखरो रेंज में अवैध तरीके से पड़ काटे गए थे। भारतीय वन सर्वेक्षण (FSI) ने दावा किया कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में 6,000 से अधिक पेड़ अवैध रूप से काटे गए थे। इस मामले में हरक सिंह रावत समेत कई अधिकारियों के खिलाफ जांच चल रही है। इससे पहले रावत से जुड़ी संपत्तियां भी ईडी की जांच के दायरे में आई थीं।