YouTube Revenue 2024: गूगल का फेमस स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म YouTube दुनिया का सबसे बड़ा वीडियो-शेयरिंग प्लेटफॉर्म है और इसने हाल ही में अपनी सालाना आय रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट के हिसाब से 2024 में YouTube ने 36.2 बिलियन डॉलर यानी लगभग 3 लाख करोड़ रुपये की कमाई की। बता दें कि इस कमाई में सिर्फ विज्ञापनों से होने वाली आय शामिल है। YouTube Premium और YouTube TV जैसी सेवाओं की इनकम को इसमें जोड़ा नहीं गया है, जिसका मतलब है कि इसकी रियल इनकम आय इससे कहीं अधिक हो सकती है। आइए इसके बारे में जानते हैं।
यूजर्स को हो रही परेशानी
रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 की अंतिम तिमाही में YouTube ने 10.47 बिलियन डॉलर यानी 91 हजार करोड़ रुपये कमाए, जो किसी भी तिमाही में अब तक का सबसे लाभ है, जो ऐड्स की मदद से हुआ है। हालांकि YouTube के लिए यह साल बेहद फायदेमंद रहा, लेकिन यूजर्स के लिए Ad एक्सपीरियंस हर साल बदतर होता जा रहा है। हाल के दिनों में, कई यूजर्स ने घंटों तक न हटने वाले (unskippable) विज्ञापनों की शिकायत की है। इससे तंग आकर कई लोग YouTube Premium खरीदने पर मजबूर हो रहे हैं।
नवंबर 2023 में YouTube ने ऐड-ब्लॉकर्स के खिलाफ सख्त कदम उठाने शुरू किए। यदि कोई यूजर ऐड-ब्लॉकर का उपयोग करता था, तो उन्हें एक पॉप-अप वॉर्निंग मिलती थी, जिसमें उन्हें या तो ऐड-ब्लॉकर हटाने या YouTube Premium खरीदने को कहा जाता था। कई मामलों में YouTube ने वीडियो प्लेबैक को ही ब्लॉक कर दिया, जब तक कि यूजर ऐड-ब्लॉकर को डिएक्टिवेट नहीं करता है, प्लेबैक काम नहीं करता है।
Premium सब्सक्रिप्शन की बढ़ती मांग
YouTube का दावा है कि विज्ञापन ही प्लेटफॉर्म और उसके क्रिएटर्स की कमाई का मेन सोर्स है। इसलिए, वह ऐड-ब्लॉकर के उपयोग को रोकने के लिए कड़े कदम उठा रहे हैं। हालांकि, इसका सीधा फायदा YouTube Premium को हो रहा है। कई यूजर अब ऐड्स से बचने के लिए Premium सब्सक्रिप्शन ले रहे हैं। YouTube की यह रणनीति काम कर रही है, क्योंकि लोग या तो विज्ञापन देखने को मजबूर हैं या फिर पैसे देकर Premium सदस्यता खरीद रहे हैं।
YouTube की नई नीति पर उठे सवाल
हालांकि YouTube ने अपनी विज्ञापन नीति को जायज ठहराया है, लेकिन यूजर को यह नया बदलाव बहुत कमर्शियल लग रहा है। ऐसे में लंबे विज्ञापन देखने से यूजर्स को परेशानी हो रही है। ऐड-ब्लॉकर्स पर बैन लगाकर YouTube ने कंज्यूमर्स की पसंद को सीमित कर दिया है। साथ ही YouTube Premium को अधिक बेचने की स्ट्रेटजी से आम यूजर पर आर्थिक रूप से दबाव पड़ रहा है।
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