Mobile recharge price hike: नया साल आते ही अगर आपका मोबाइल बिल बढ़ जाए, तो हैरान मत होइएगा. जिस स्मार्टफोन के बिना आज एक पल भी गुजरना मुश्किल लगता है, उसे चलाना अब पहले से ज्यादा महंगा पड़ सकता है. सोशल मीडिया, कॉलिंग और इंटरनेट के लिए हर महीने जो रिचार्ज आप आराम से करा लेते थे, वही 2026 में आपकी जेब पर ज्यादा बोझ डाल सकता है. वजह है मोबाइल रिचार्ज प्लान्स में होने वाली बड़ी कीमत बढ़ोतरी. रिपोर्ट्स की मानें तो टेलीकॉम कंपनियां नए साल की शुरुआत में बड़ा झटका देने की तैयारी में हैं.
नए साल में बढ़ेंगी रिचार्ज की कीमतें
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Jio, Airtel और Vi जैसे बड़े टेलीकॉम ऑपरेटर्स 2026 की शुरुआत में अपने प्रीपेड और पोस्टपेड प्लान्स के दाम बढ़ा सकते हैं. ET की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ग्लोबल निवेश फर्म Morgan Stanley का दावा है कि 4G और 5G प्लान्स की कीमतों में 16 से 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है. इसका सीधा असर करोड़ों मोबाइल यूजर्स पर पड़ेगा, जो रोजाना कॉलिंग और डेटा पर निर्भर हैं.
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पहले से मिल रहे हैं बढ़ोतरी के संकेत
टेलीकॉम कंपनियों ने भले अभी आधिकारिक घोषणा न की हो, लेकिन संकेत साफ हैं. हाल के महीनों में कई सस्ते रिचार्ज प्लान बंद किए गए हैं और कई प्लान्स से बेनिफिट्स घटाए गए हैं. इसे आने वाली कीमत बढ़ोतरी का इशारा माना जा रहा है. यानी कंपनियां पहले ही जमीन तैयार कर चुकी हैं.
कितना महंगा हो सकता है आपका रिचार्ज?
अगर आज कोई बेसिक रिचार्ज प्लान करीब 300 रुपये का है, जिसमें अनलिमिटेड कॉलिंग और रोजाना 1.5GB डेटा मिलता है, तो 20 फीसदी बढ़ोतरी के बाद यही प्लान 360 रुपये तक पहुंच सकता है. सुनने में फर्क छोटा लगता है, लेकिन सालभर में यह रकम काफी बड़ी हो जाती है, खासकर उन लोगों के लिए जो हर महीने रिचार्ज कराते हैं.
पहले भी कई बार बढ़ चुके हैं दाम
यह पहली बार नहीं है जब मोबाइल रिचार्ज महंगे होने जा रहे हैं. इससे पहले 2019 में कीमतों में 15 से 50 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई थी. 2021 में 20 से 25 फीसदी और 2024 में 10 से 20 फीसदी तक दाम बढ़ाए गए. अगर 2026 में फिर से बढ़ोतरी होती है, तो यह पिछले आठ सालों में चौथी बड़ी कीमत वृद्धि होगी.
क्यों बढ़ा रही हैं कंपनियां दाम?
टेलीकॉम कंपनियों का कहना है कि भारत में मोबाइल डेटा दुनिया के सबसे सस्ते देशों में से एक है. नए स्पेक्ट्रम की खरीद, नेटवर्क को बेहतर बनाने, 5G एक्सपेंशन और बढ़ती महंगाई के चलते खर्च लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में कंपनियों का तर्क है कि अगर बेहतर नेटवर्क और सर्विस चाहिए, तो कीमतें बढ़ाना जरूरी हो गया है. Airtel जैसे ऑपरेटर्स साफ कह चुके हैं कि बेहतर कवरेज और क्वालिटी के लिए ज्यादा भुगतान करना होगा.
अब सस्ते इंटरनेट के दिन खत्म?
कुल मिलाकर तस्वीर साफ है. आने वाले समय में सस्ते इंटरनेट और कॉलिंग प्लान्स धीरे-धीरे इतिहास बन सकते हैं. अनुमान है कि 2030 तक टेलीकॉम कंपनियां प्रति यूजर औसत कमाई 370 से 390 रुपये तक पहुंचा सकती हैं. ऐसे में नए साल में मोबाइल रिचार्ज पर ज्यादा खर्च के लिए अभी से तैयार रहना बेहतर होगा, खासकर लॉन्ग-टर्म और डेटा-कॉम्बो प्लान्स के मामले में.
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