Network usage Payment: भारतीय प्रसिद्ध दूरसंचार ऑपरेटर रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने ट्राई से एक मांग की है जिसके बाद नेटवर्क वॉर हो सकता है। दरअसल, इन तीनों दिग्गज कंपनी ने ट्राई से कहा है कि नेटफ्लिक्स और गूगल जैसी टेक कंपनियों को उन्हें पैसे देने चाहिए है। इसके पीछे का कराण उन्होंने अपने नेटवर्क का इस्तेमाल करने का है जिसके लिए वो पैसा वसूलने की मांग कर रहे हैं। इसे लेकर इन टेलीकॉम कंपनियों द्वारा टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) से सिफारिश लगाई है।
हो रहा है नेट न्यूट्रैलिटी का उल्लंघन!
रिलायंस जियो, एयरटेल और वीआई की ओर से नेट न्यूट्रैलिटी के उल्लंघन की आशंका भी जताई है। जियो के मुताबिक ट्राई को नेटवर्क विकास में योगदान हेतु ओटीटी प्रोवाइडर के लिए सिफारिश करनी चाहिए। नेटवर्क का इस्तेमाल करने के लिए भुगतान करना जरूरी है। इसके आगे जियो ने कहा कि दुनिया भर के टेलीकॉम ऑपरेटर्स को इस विषय पर लगभग एक जैसी सहमति जताई जानी चाहिए। भारतीय दूरसंचार ऑपरेटर्स में जियो सबसे पहले आता है। देश में 55 प्रतिशत कुल डाटा ट्रैफिक हिस्सा जियो के पास है।
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जियो की मांग पर वीआई और एयरटेल भी सहमत
भारत की अन्य दो प्रमुख दूरसंचार ऑपरेटर्स एयरटेल और वीआई ने भी अपनी सहमति जियो के साथ जताई है। उनका भी कहना है कि नेटफ्लिक्स और गूगल जैसी टेक कंपनियों को नेटवर्क का इस्तेमाल करने पर भुगतान देना चाहिए। एयरटेल की ओर से प्रस्ताव में कहा गया है कि सिर्फ बड़ी-बड़ी टेक कंपनियों को नेटवर्क इस्तेमाल की लागत देनी चाहिए। जबकि, छोटे स्टार्टअप को लागत देने की जरूरत नहीं है।
टेक कंपनियों ने नेटवर्क ऑपरेटर की आलोचना
इस मांग के चलते टेक कंपनियों द्वारा नेटवर्क ऑपरेटर की आलोचना की है। उनका कहना है कि उनकी सुविधा से टेलीकॉम कंपनियों का रेवेन्यू भी बढ़ा है। इतना ही नहीं, टेक कंपनियों की ओर से चेतावनी भी दी गई है। उन्होंने कहा है कि अगर नेटवर्क लागत को कवर करने के लिए उन्हें मजबूर किया गया, तो ऐसे में इनोवेशन में निवेश कम हो सकता है जिससे इन लागतों के लिए ग्राहकों को पर बोझ पड़ सकता है।