India Manufacturing Hub: इस साल का बजट बहुत खास रहा जहां एक तरफ लोगों को 12 लाख की इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। इसके साथ ही सरकार ने कुछ खास बदलाव किए हैं जिसके तहत कुछ स्मार्टफोन कॉम्पोनेंट पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को भी कम किया गया है। ऐसे में देश में iPhone की मैन्युफैक्चरिंग में तेजी आएगी और इससे प्रोडक्शन एक्सपेंस भी कम होगा। Apple भारत, वियतनाम और ब्राजील जैसे देशों में अपनी प्रोडक्शन कैपेसिटी को बढ़ाने के बारे में सोच रहा है। आइए जानते हैं कि इससे क्या फायदा होगा।
क्या हैं सरकार के नए बदलाव?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यूनियन बजट 2025 में स्मार्टफोन बनाने में इस्तेमाल होने वाले कुछ कॉम्पोनेंट पर बेसिक कस्टम (BCD) को घटाकर जीरो कर दिया है। बता दें कि इससे पहले इन पर 2.5% टैक्स लगता था। इस लिस्ट में कैमरा मॉड्यूल, USB केबल, फिंगरप्रिंट सेंसर और PCBA (प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली) शामिल हैं।
इसके साथ ही फोन की बैटरी बनाने के लिए यूज किए जाने वाले 28 कैपिटल गुड्स को भी इस लिस्ट में शामिल किया गया है। सरकार ने इंवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर को भी खत्म कर दिया है। इसके तहत रॉ मटेरियल पर ज्यादा टैक्स लगता था, जबकि फाइनल प्रोडक्ट पर कम टैक्स लगता था। ऐसे में कंपनियों का एक्सपेंस ज्यादा होता था।
क्या असर होगा?
इस बदलाव का सबसे पहले असर भारत में आईफोन प्रोडक्शन पर दिखाई देगा। नए टैक्स अपडेट के साथ Apple और दूसरी कंपनियों को स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग के लिए जरूरी कॉम्पोनेंट कम कीमत में मिल जाएंगे। इससे प्रोडक्शन लागत में कमी आएगी और iPhone प्रोडक्शन में भी तेजी आएगी। ऐसे में उम्मीद करना गलत नहीं होगा कि आने वाले समय में आईफोन सस्ते हो जाएंगे।
भारत बनेगा मैन्युफैक्चरिंग हब
Reuters की रिपोर्ट में बताया गया कि भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्शन 2024 में दोगुना होकर 115 बिलियन डॉलर (1,00,15,9 करोड़ रुपये) हो गया है। इसके चलते, भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता बन चुका है। इसके साथ ही Apple ने भारत के स्मार्टफोन बाजार में रेवेन्यू के हिसाब से 23% हिस्सेदारी के साथ पहले पोजीशन पर है, जबकि Samsung 22% हिस्सेदारी के साथ दूसरे नंबर पर है।
जॉब के ऑप्शन
सरकार की मेक इन इंडिया नीति और नए कर सुधारों के चलते Apple और अन्य कंपनियां अपने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का एक्सपेंड कर सकती हैं। इससे नए इन्वेस्टमेंट और लाखों जॉब के अवसर भी पैदा होंगे। ऐसे में Apple जैसी कंपनियों के लिए iPhone मैन्युफैक्चरिंग आसान और सस्ती होगी। इससे देश में रीजनल प्रोडक्शन को बढ़ावा मिलेगा और नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। भारत पहले ही दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल मैन्युफैक्चरर बन चुका है और ये कदम इसे ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने में मदद करेंगे।
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