Google New AI Tool: डॉक्टर्स की लिखावट पढ़ने में नहीं आएगी समस्या! गूगल लेकर आ रहा ये खास सुविधा
Google New AI Tool: ये तो आप जानते ही होंगे कि डॉक्टर की लिखावट को पढ़ना आम लोगों के लिए बेहद मुश्किल होता है। ऐसे में अक्सर लोग या तो गलतफहमी में आ जाते हैं या फिर डॉक्टर द्वारा निर्धारित निर्देशों और दवाओं को समझ ही नहीं पाते हैं। वहीं, अब इस समस्या का हल Google ने निकाल लिया है।
दरअसल, कंपनी ने अपने वार्षिक गूगल 2022 इवेंट (Google 2022 Event) के आठवें संस्करण में एक ऐसी सुविधा का ऐलान किया जो यूजर्स को डॉक्टर की लिखावट को आसानी से समझने में मदद करेगा। आइए जानते है कि कंपनी के किस सुविधा से लोगों के लिए डॉक्टर्स की लिखावट पढ़ना आसान हो सकेगा।
गूगल की ओर से 19 दिसंबर, 2022 को एक 'अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग मॉडल' का ऐलान किया गया है जो यूजर्स को डॉक्टर द्वारा लिखे गए पर्चे को समझने में मदद कर सकता है। गूगल ने कहा कि नई सुविधा "हैंड रिटन डॉक्टर डॉक्यूमेंट्स को डिजिटाइज करने के लिए एक सहायक तकनीक के रूप में काम करेगी, जो फार्मासिस्ट जैसे लोगों को पाश में बढ़ा देगी।"
और पढ़िए -OnePlus 11 5G और OnePlus Buds Pro 2 की लॉन्च डेट कन्फर्म! जानें डिस्प्ले समते अन्य जानकारी
कंपनी द्वारा इवेंट में दिखाए गए फीचर के डेमो से पता चलता है कि इस फीचर (Google New AI Tool) का इस्तेमाल करने के लिए यूजर्स को गूगल लेंस में एक खास टूल का इस्तेमाल करते हुए अपने डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन को स्कैन करना होगा। एक बार जब वे ऐसा कर लेते हैं, तो Google उन्हें स्कैन किए गए डॉक्यूमेंट्स में लिस्टेड सभी दवाओं को उनके डिटेल्स, इस्तेमाल करने के निर्देश, संरचना और दुष्प्रभावों के साथ दिखाने के लिए AI और ML का इस्तेमाल करेगा।
[embed]
और पढ़िए - WhatsApp ला रहा है “Kept Messages” फीचर, जानें खासियत और यूज करने का तरीका?
टूल में एक स्पीकर बटन भी शामिल है ताकि उपयोगकर्ता यह जान सकें कि जब वे फार्मासिस्ट के पास जाते हैं तो इसका उच्चारण कैसे किया जाता है, साथ ही नीचे एक बटन होता है जो उन्हें Google खोज पर दवा खोजने में मदद करेगा।
Google ने भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) के साथ साझेदारी की घोषणा की है। इसके एक भाग के रूप में आईआईएससी के रिसर्चर्स की एक टीम भारत के 773 जिलों के लोगों से गुमनाम भाषण डेटा एकत्र करेगी, परियोजना के एक हिस्से के रूप में "शैक्षणिक और सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि की एक सीमा में लिंग और आयु में विविधता को दर्शाती है" 'वाणी'।
बता दें कि इस डेटा का इस्तेमाल छोटे से लेकर बड़े डेवलपर्स और स्टार्टअप्स द्वारा इस तरह की टेक्नोलॉजी बनाने के लिए किया जाएगा जिससे हर भारतीयों को अपनी स्थानीय भाषा बोलने के तरीके की लिखावट मिल सकेगी।
और पढ़िए - गैजेट्स से जुड़ी अन्य बड़ी ख़बरें यहाँ पढ़ें
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world
on News24. Follow News24 and Download our - News24
Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google
News.