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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सरकार सख्त, इस तरह का कंटेंट हटाने का दिया अल्टीमेटम

सोशल मीडिया कंपनियों के लिए बड़ा अलर्ट जारी हुआ है. केंद्र सरकार ने साफ कहा है कि अगर प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील, पोर्नोग्राफिक और गैरकानूनी कंटेंट दिखा, तो सीधे कानून के शिकंजे में आ सकते हैं. नए एडवाइजरी ने कंपनियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.

सरकार की सोशल मीडिया पर सख्ती. (Photo-unsplash)

Centre govt issues warning to social media: सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर बढ़ते अश्लील, आपत्तिजनक और गैरकानूनी कंटेंट को लेकर केंद्र सरकार ने सख्त रुख अपनाया है. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Meity) ने सोशल मीडिया कंपनियों और ऑनलाइन इंटरमीडियरीज को साफ चेतावनी दी है कि अगर ऐसे कंटेंट पर तुरंत और कड़ी कार्रवाई नहीं की गई, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई और मुकदमा चलाया जा सकता है.

29 दिसंबर 2025 को जारी हुआ नया सरकारी एडवाइजरी

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सरकार ने 29 दिसंबर 2025 को एक नया एडवाइजरी जारी किया है, जिसकी जानकारी समाचार एजेंसी PTI ने दी. इसमें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से कहा गया है कि वे तुरंत अपने सिस्टम और नियमों की समीक्षा करें और अपने प्लेटफॉर्म पर मौजूद अश्लील, भद्दे, पोर्नोग्राफिक और गैरकानूनी कंटेंट को हटाने के लिए सख्त कदम उठाएं.

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कानून न मानने पर हो सकती है सीधी कार्रवाई

एडवाइजरी में केंद्र सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि अगर कोई प्लेटफॉर्म इस तरह के कंटेंट पर कार्रवाई नहीं करता है, तो उस पर देश के कानून के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है. यानी अब लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी गई है.

आईटी एक्ट और आईटी नियम 2021 की दिलाई याद

सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों को आईटी एक्ट और आईटी नियम, 2021 की जिम्मेदारियों की भी याद दिलाई है. इन नियमों के तहत प्लेटफॉर्म्स को यह सुनिश्चित करना होता है कि उनके यूजर्स किसी भी तरह का अश्लील, पोर्नोग्राफिक, बच्चों के लिए हानिकारक, पैडोफिलिक या गैरकानूनी कंटेंट अपलोड या शेयर न करें.

सेक्शन 79 के तहत जिम्मेदारी तय

एडवाइजरी में कहा गया है कि आईटी एक्ट की धारा 79 के तहत इंटरमीडियरीज को ‘ड्यू डिलिजेंस’ यानी उचित सावधानी बरतनी अनिवार्य है. यही शर्त उन्हें थर्ड पार्टी कंटेंट के मामले में कानूनी सुरक्षा देती है. अगर इस जिम्मेदारी का पालन नहीं किया गया, तो यह सुरक्षा भी खत्म हो सकती है.

आईटी एक्ट और BNS के तहत हो सकती है प्रोसेक्यूशन

सरकार ने दो टूक कहा है कि आईटी एक्ट या आईटी नियम, 2021 का पालन न करने पर प्लेटफॉर्म्स, इंटरमीडियरीज और यहां तक कि उनके यूजर्स के खिलाफ भी आईटी एक्ट, भारतीय न्याय संहिता (BNS) और अन्य आपराधिक कानूनों के तहत कार्रवाई हो सकती है.

सरकारी आदेश मिलते ही तुरंत हटाना होगा कंटेंट

एडवाइजरी में यह भी निर्देश दिया गया है कि अगर किसी कोर्ट के आदेश या सरकार की अधिकृत एजेंसी से सूचना मिलती है, तो प्लेटफॉर्म्स को तय समय सीमा के भीतर गैरकानूनी कंटेंट हटाना या उस तक पहुंच बंद करना अनिवार्य होगा. इसमें किसी भी तरह की देरी को गैर-पालन माना जाएगा.

कंटेंट मॉडरेशन सिस्टम की तत्काल समीक्षा के आदेश

Meity ने सोशल मीडिया कंपनियों से कहा है कि वे अपने इंटरनल कंप्लायंस फ्रेमवर्क, कंटेंट मॉडरेशन सिस्टम और यूजर पर कार्रवाई की प्रक्रिया की तुरंत समीक्षा करें, ताकि आईटी एक्ट और आईटी नियमों का पूरी तरह पालन सुनिश्चित हो सके.

सरकार को क्यों जारी करनी पड़ी नई एडवाइजरी?

सरकार के मुताबिक, उसे लगातार जनता, विभिन्न स्टेकहोल्डर्स और यहां तक कि अदालतों से भी शिकायतें मिल रही थीं कि कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर मौजूद कंटेंट अश्लीलता और शालीनता से जुड़े कानूनों का उल्लंघन कर रहा है. इन मुद्दों पर संसद में भी चर्चा हुई और कुछ मामलों को जांच के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों को भेजा गया.

ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के लिए साफ संदेश

इस एडवाइजरी के जरिए सरकार ने साफ कर दिया है कि अब सोशल मीडिया कंपनियों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी. नियमों की अनदेखी करने वालों के लिए आगे का रास्ता मुश्किल हो सकता है और कानून अपना काम जरूर करेगा.

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