Rajasthan Lithium: जम्मू-कश्मीर के बाद राजस्थान के नागौर जिले में ईवी या लिथियम आयन बैटरी का भंडार मिलने की बात सामने आई थी। लेकिन भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने इस मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है। जीएसआई ने फिलहाल लिथियम का महाभंडार मिलने की खबरों को आधारहीन बताया है।
नहीं मिला लिथियम का भंडार
दरअसल, जीएसआई ने राजस्थान के नागौर जिले में लीथियम का भंडार मिलने की खबरों को आधारहीन बताया है। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की तरफ से बताया गया है कि नागौर जिले के डेगाना क्षेत्र में लीथियम के बड़े भंडार मिलने की खबर पूरी तरह से निराधार है। अभी तक इस तरह की कोई भी सही सूचना नहीं मिली है। इस तरह की कोई भी जानकारी जीएसआई के क्षेत्रीय मुख्यालय या केंद्रीय मुख्यालय की तरफ से जारी नहीं की गई थी।
खनन मंत्री और आनंद महिंद्रा ने किया था ट्वीट
बता दें कि एक दिन पहले ही राजस्थान के खनन मंत्री प्रमोद भाया ने लिथियम की खोज पर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि नागौर जिले की डेगाना तहसील में लिथियम का भंडार मिला है, जो जम्मू-कश्मीर से भी ज्यादा है। जबकि उनके बाद आनंद महिंद्रा ने भी ट्वीट करते हुए इसके संरक्षण की बात कही थी। लेकिन बाद में जीएसआई ने इस तरह की सभी खबरों को भ्रामक बताया।
जानिए क्या होता है लिथियम
दरअसल, लिथियम एक अलौह धातू होता है, जिसका इस्तेमाल मोबाइल, लैपटॉप, इलेक्ट्रिक वाहन और कई तरह की बैटरी बनाने में किया जाता है। खास बात यह है कि इसका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक सामानों में बहुत ज्यादा किया जाता है। जम्मू-कश्मीर में इसका एक बड़ा भंडार मिला है। लेकिन यह अकेला भारत के लिए काफी नहीं है। खास बात यह है कि विश्व बैंक ने एक रिपोर्ट में बताया था कि 2050 तक लिथियम धातु की मांग पूरे विश्व में 500 प्रतिशत से ज्यादा होने वाली है। ऐसे में इसकी मांग बढ़ने वाली है।