Crypto’s role in terrorist funding : फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के द्वारा इजराइल पर हमले के बाद टेटर फंडिंग में क्रिप्टो करंसी की भूमिका नए सिरे से जांच के दायरे में आ गई है। इज़राइल ने कई क्रिप्टो खातों को जब्त कर लिया है, उसका कहना है कि ये खाते हमास से जुड़े हैं। अमेरिकी सांसदों ने सरकार से हमास और उसके सहयोगियों द्वारा क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल पर रोक लगाने का आग्रह किया है। क्रिप्टोकरेंसी ग्लोबली धन प्राप्त करने का एक तरीका है। आज हम इस आर्टिकल में क्रिप्टो की भूमिका के बारे में जानेंगे।
अवैध वित्त में क्रिप्टो का उपयोग क्यों किया जाता है?
कोई भी व्यक्ति क्रिप्टोकरंसी वॉलेट एड्रेस बिना किसी बैंक की जांच के सेट कर सकता है। इसमें नाम पता छद्म हैं। ऑनलाइन आपको बहुत से डिजिटल वॉलेट मिल जाएंगे, जहां पर आप अपना वायलेॉ बना सकते हैं। इसके लिए आपको अपने मोबाइल पोट पर ऐप्स डाउनलोड कर सेॉ करना होता है। आप ऐप डाउनलोड करते हैं, अपनी डिटेल्स डालकर लॉगइन करते हैं और उसके बाद स्क्रीन पर दिख रहे निर्देशों का पालन करते हुए अपने क्रिप्टोकरेंसी को इस वॉलेट में ट्रांसफर कर लेते हैं।
ब्लॉकचेन तकनीक जो आधार बनाती है
ब्लॉकचेन को हम अलग-अलग ब्लॉक्स की एक शृंखला कह सकते हैं, इन ब्लॉक्स में सूचनाएं एकत्रित रहती हैं। ब्लॉकचेन के इस्तेमाल का मकसद डिजिटल दस्तावेज़ों को एक खास समय पर फिक्स करना होता है ताकि उन्हें बैकडेट करना या उनके साथ छेड़छाड़ करना संभव नहीं हो सके। मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण से निपटने के लिए जिम्मेदार वैश्विक निकाय फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने चेतावनी दी है कि क्रिप्टो संपत्तियां “अपराधियों और आतंकवादियों के वित्तीय लेनदेन के लिए एक सुरक्षित ठिकाना बनने का जोखिम हैं”।
यह भी पढ़ें : Explainer: इजरायल में छिड़ी जंग का लेबनान से क्या है कनेक्शन? क्यों इस देश को छोड़ने पर दिया जा रहा जोर?
क्या क्रिप्टो को ट्रैक नहीं किया जा सकता?
किया जा सकता है, लेकिन हमेशा नहीं। बिटकॉइन और एथेरियम जैसे ब्लॉकचेन लेनदेन का एक स्थायी सार्वजनिक रिकॉर्ड बनाते हैं। इसका मतलब यह है कि वॉलेट पते के अंदर और बाहर धन राशि के लेनदेन का रिकरार्ड होता है। किसी बाहरी व्यक्ति के लिए ब्लॉकचेन पर लेनदेन की पहचान करना कठिन है, लेकिन ब्लॉकचेन एनालिटिक्स फर्मों के पास फंड को ट्रैक करने के लिए उपकरण हैं।
आतंकवादी वित्तपोषण में क्रिप्टो का कितना उपयोग होता है?
निश्चित तौर पर कोई नहीं जानता है। आतंकी समूह भी दूसरों की तरह शिक्षित और आधुनिक तकनीकों से लैस हैं। धन को स्थानांतरित करने के लिए विभिन्न तरीकों का उपयोग करते हैं, जिनमें नकदी, बैंक, शेल कंपनियां, दान, और अनौपचारिक वित्तीय नेटवर्क शामिल हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि क्रिप्टो एक छोटा सा हिस्सा है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी ने 2022 में कहा था कि कुछ साल पहले 5% आतंकवादी हमलों को क्रिप्टो द्वारा वित्तपोषित माना जाता था, लेकिन यह 20% तक जा सकता है। एफएटीएफ ने इस साल कहा कि क्रिप्टो “बढ़ते आतंकवादी वित्तपोषण जोखिम” प्रस्तुत करता है, लेकिन आतंकवादी वित्तपोषण का ‘विशाल बहुमत’ अभी भी नियमित धन का उपयोग करता है। क्रिप्टो शोधकर्ताओं चैनालिसिस ने एक ब्लॉग में कहा कि जब किसी क्रिप्टो फर्म में अवैध वित्त प्रवाह की पहचान की जाती है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि उस फर्म के सभी प्रवाह अवैध हैं। चैनालिसिस ने कहा कि आतंकवादी वित्तपोषण “अवैध गतिविधि द्वारा कब्जा किए गए पूरे क्रिप्टो बाजार के 1% से भी छोटे से हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है।”
भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर क्या हैं कानून?
भारत में क्रिप्टोकरेंसी को किसी भी केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा विनियमित नहीं किया जाता। क्रिप्टोकरेंसी में किसी विवाद के निपटारे के लिए कोई नियम-कानून या दिशा-निर्देश तय नहीं हैं। इसलिए, क्रिप्टोकरंसी में ट्रेडिंग निवेशकों के जोखिम पर की जाती है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास के साथ-साथ देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एवं अन्य सरकारी जिम्मेदार लोगों के बयानों के आधार पर, हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी अवैध है, लेकिन भारत में इस पर कोई निश्चित प्रतिबंध नहीं हैं।
बैंक इंडोनेशिया ने क्रिप्टो करंसी का टेरर फंडिंग में अंदेशा जतयाा था
बैंक इंडोनेशिया का पेमेंट सिस्टम ब्लूप्रिंट 2025 इस आशंका पर मुहर लगाता है कि क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का इस्तेमाल मनी लाउंड्रिंग और आतंकी गतिविधियों में किया जा सकता है। इस ब्लूप्रिंट में कहा गया है क्रिप्टो के माध्यम से लेनदेन को सुरक्षित बनाने के लिए कानून की सख्त जरूरत है। इंडोनेशिया में अभी ऐसे साइबर कानूनों की कमी है।
भारत में भी क्रिप्टोकरेंसी के लिए ठोस कानून की जरूरत
भारत में क्रिप्टो (Crypto) को रेग्युलेट करने के लिए ठोस कानून की कमी है। अब देश की सुरक्षा एजेंसियों को भी टेरर फंडिंग (Terror Funding) में क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल के सबूत मिलने लगे हैं। दुनिया में क्रिप्टो के बढ़ते चलन के बीच इस बात पर मंथन किए जाने की जरूरत है कि आखिर आतंकी संगठनों के बीच क्रिप्टो के इस्तेमाल का प्रचलन क्यों बढ़ रहा है?
यह भी पढ़ें : क्या है FATF जिसकी टीम आ सकती है भारत? नहीं है अच्छी खबर, नाम सुनते ही डर जाते हैं देश!