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Explainer: क्यों आते हैं Cyclone और क्यों भारत के लिए खतरा बनते? 5 तूफान, जो देश में मचा चुके तबाही

Cyclone Origin Explainer: तूफान होते क्या हैं और क्यों आते हैं? यह भारत के लिए खतरनाक क्यों होते हैं? आज तक देश में कई चक्रवाती तूफान कहर बरपा चुके हैं, आइए उनके बारे में जानते हैं...

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Dec 5, 2023 14:14
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Cyclone Michaung
Cyclone Michaung

Why Cyclone Dangerous For India Explainer: आज तक देश में कई चक्रवात तूफानों ने तबाही मचाई। इस साल बंगाल की खाड़ी से 2 दिसंबर 2023 को एक्टिव हुआ Cyclone Michaung तबाही मचा रहा है। समुद्र के किनारे रहने वाले लोगों को हर साल किसी न किसी तूफान का सामना करना पड़ता है। साल 2023 में मई महीने में मोचा, जून में बिपरजॉय ने कहर बरपाया। अक्टूबर में तेज और हामून, नवंबर में मिधिली चक्रवात आया और अब दिसंबर में मिचौंग आया है। इस दौरान समुद्र में ऊंची-ऊंची लहरें उठती हैं। भारी बारिश होती है। 100 से 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवायें चलती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि तूफान होते क्या हैं और क्यों आते हैं? यह भारत के लिए खतरनाक क्यों होते हैं? आज तक देश में कई चक्रवाती तूफान कहर बरपा चुके हैं, आइए उनके बारे में जानते हैं…

 

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क्या होता है Cyclone?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, साइक्लोन हवाओं का बदलता चक्र है, जिसके केंद्र में निम्न वायुदाब और बाहर उच्च वायुदाब होता है। दूसरे शब्दों में चक्रवात तेजी से घूमती हुई हवा होती है। जब हवा गर्म हो जाती है तो हल्की होकर ऊपर उठने लगती है। पृथ्वी अपनी धुरी (एक्सिस) पर घूमती है, जिस कारण हवा सीधे न चलकर घूमने लगती है। चक्कर लगाती हुई निम्न दाब वाले क्षेत्र की ओर बढ़ती है। उत्तरी गोलार्ध में एंटी-क्लॉकवाइज, दक्षिणी गोलार्ध में क्लॉकवाइज चक्रवात घूमता है। इसके बनने का कारण तापमान बढ़ना है। तापमान बढ़ने से समुद्री सतह गर्म हो जाती है, जिससे हवाएं गर्म हो जाती हैं। साइक्लोन का साइज 80 से 300 किलोमीटर तक हो सकता है। क्रवात पहले गर्मियों में आते थे, लेकिन ग्लोबल वार्मिंग और क्लाइमेट चेंज के कारण यह हर साल आते हैं और सर्दियों में भी आने लगे हैं।

Cyclone कितने प्रकार के होते?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, साइक्लोन को 2 प्रकार के होते हैं। उष्ण कटिबंधीय चक्रवात, जिन्हें हरिकेन, टाइफून और साइक्लोन भी कहा जाता है। उत्तरी अटलांटिक महासागर और उत्तरी-पूर्वी प्रशांत महासागर से उठने वाले तूफान को ‘हरिकेन’ कहते हैं। उत्तरी-पश्चिमी प्रशांत महासागर से उठने वाले तूफान ‘टाइफून’ कहलाते हैं। दक्षिणी प्रशांत और हिंद महासागर में उठने वाले तूफान ‘साइक्लोन’ कहे जाते हैं। भारत में दक्षिणी प्रशांत और हिंद महासागर से उठने वाले साइक्लोन तबाही मचाते हैं। शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवात कम विनाशकारी होते हैं। उत्तरी अटलांटिक महासागर, भूमध्य सागर, उत्तरी प्रशांत महासागर और चीन के सागर से उठते हैं। ठंडी और गर्म हवाओं के मिलने से बनते हैं। यह चक्रवात उत्तरी गोलार्ध में विशेषकर सर्दियों के मौसम में उठते हैं और दक्षिणी गोलार्ध में सालभर प्रभाव डालते रहते हैं।

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भारत के लिए क्यों खतरनाक चक्रवात?

डिजास्टर मैनेजमेंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय Coast Line 8493.85 किलोमीटर लंबी है। यह सीमा समुद्र के पूर्वी तट पर पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और पुडुचेरी से लगती है। समुद्र के पश्चिमी तट पर गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल और दमन-दीव में लगती है। अंडमान-निकोबार बंगाल की खाड़ी में है। लक्षद्वीप अरब सागर में है। देश के इन जिलों में आधाी आबादी रहती है। इसलिए समुद्र से देश के 13 जिलों के सटे होने के कारण और इन जिलों में आधी आबादी बसने के कारण समुद्र में होने वाली हलचलें भारत के लिए खतरनाक साबित होती हैं।

286 साल पहले आया था ‘जानलेवा’ चक्रवात

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, NDMA के आंकड़ें बताते हैं कि देश में सबसे पहला चक्रवात 286 साल आया था। 1737 में आए इस तूफान ने बंगाल के हुगली में तबाही मचाई थी। करीब 3 लाख लोग मरे। 1876 में बांग्लादेश में आए चक्रवात में ढाई लाख लोग मारे गए थे। 1881 में चीन में आए तूफान ने 3 लाख लोगों की जान ली थी।

1. 25 अक्टूबर 1999 को अंडमान सागर से उठने वाले सुपर साइक्लोन अम्फान ओडिशा में काफी तबाही मचाई थी। 30 हजार लोग मरे थे। जमीन धंस गई थी। 16 लाख घर बर्बाद हुए थे। सरकारी आंकड़ों में 9887 मौतें ही दर्ज हैं।

2. 26 अप्रैल 2019 से 4 मई तक आए फानी फानी तूफान ने 72 लोगों की जान ली थी। 60 लोग अकेले ओडिशा में मारे गए थे।

3. 2016 में आए वर्धा साइक्लोन ने दक्षिण भारत में कहर बरपाया था। पाकिस्तान ने इसका नाम रखा था। अंडमान निकोबार और चेन्नई में इसने तबाही मचाई थी। 18 लोग मारे गए थे। हजारों एकड़ में खड़ी फसल डूब गई थी। पेड़ और बिजली के खंभे गिर गए थे।

4. अक्टूबर 2014 में आया हुदहुद तूफान उत्तर प्रदेश तक पहुंच गया था। अंडमान सागर से उठे इस तूफान ने विशाखापट्टनम और ओडिशा को बर्बाद किया था। 124 लोगों की मौत हुई थी। उत्तर प्रदेश में 18 लोग मारे गए थे।

5. अक्टूबर 2013 में आए फैलिन तूफान ने 50 से ज्यादा लोगों की जान ली थी। 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवाओं का असर आंध्र प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और बिहार तक देखने को मिला था।

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Written By

Khushbu Goyal

First published on: Dec 05, 2023 01:54 PM

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