Sharda Sinha Latest Video From Hospital: लोक गायिका शारदा सिन्हा के निधन के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में शारदा सिन्हा ऑक्सीजन सपोर्ट के बावजूद भी अस्पताल में गीत गाते हुए नजर आ रही हैं।
अस्पताल से वायरल हुआ पुराना वायरल
72 साल की उम्र में शारदा सिन्हा ने दिल्ली के एम्स अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके निधन ने संगीत की दुनिया को गहरा आघात पहुंचाया है। शारदा सिन्हा का नाम खासकर छठ गीतों के लिए जाना जाता था और उनके गाए गए लोक गीतों ने लाखों दिलों में अपनी जगह बनाई। हालांकि वो अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके द्वारा गाए हुए गाने हमेशा सभी के दिलों में जिंदा रहेंगे।
ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ भी गीत गा रहीं शारदा सिन्हा
शारदा सिन्हा के निधन के बाद उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वो अस्पताल के बेड पर ऑक्सीजन सपोर्ट पर होने के बावजूद अपनी मधुर आवाज में गाती हुई नजर आ रही हैं। इस वीडियो में शारदा सिन्हा ‘सैयां निकस गए, मैं ना लड़ी थी’ गा रही हैं, जो उनके फैंस को खूब पसंद आ रहा है। ऐसी हालत में भी गायिका के गीत को सुनने के बाद फैंस काफी इमोशनल भी हो रहे हैं।
हालांकि, ये वीडियो एम्स अस्पताल का नहीं, बल्कि दिल्ली के ILBS अस्पताल का है, जहां वो कैंसर का इलाज करवा रही थीं। उनके रिश्तेदार रंजीत निर्गुणी ने जानकारी दी कि शारदा सिन्हा अस्पताल में भर्ती होने के दौरान भी रियाज करती रहती थीं और ये वीडियो उसी समय का है।
शारदा सिन्हा के फैंस हुए इमोशनल
शारदा सिन्हा के इस वीडियो ने उनके फैंस को भावुक कर दिया है, जो अब उनकी आवाज को अंतिम बार सुन रहे हैं। शारदा सिन्हा की गायकी का जादू किसी परिचय का मोहताज नहीं था। खासतौर पर उनका छठ गीत 'दुखवा मिटाईं छठी मइया... रउए आसरा हमार...' एक अमर गीत बन चुका है। ये गीत शारदा सिन्हा ने अपनी आखिरी रिकॉर्डिंग के तौर पर गाया था। उनके बेटे अंशुमान ने इस गीत को 5 नवंबर को रिलीज किया था। शारदा ने खुद कहा था कि 'मैं रहूं या ना रहूं, लेकिन ये गीत मेरा अंतिम उपहार रहेगा।'
पटना पहुंचा शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर
शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर अब पटना स्थित उनके घर पर रखा गया है। उनके अंतिम दर्शन के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत कई प्रमुख हस्तियां पहुंचीं। शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार 7 नवंबर को पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। उनकी गायकी और संगीत के योगदान के लिए उन्हें भारत सरकार ने पद्मश्री और पद्मभूषण जैसे बड़े पुरस्कारों से नवाजा था।
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