Suhasini Deshpande Death News: मराठी मनोरंजन जगत से एक बेहद दुखद खबर आई है। सीनियर अभिनेत्री सुहासिनी देशपांडे का आज निधन हो गया है। पुणे में अपने घर पर उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन से पूरे कलाकारी समुदाय में शोक की लहर दौड़ गई है। सुहासिनी देशपांडे की अंतिम यात्रा कल पुणे के वैकुंठ शम्शान भूमि में खत्म होगी।
सुहासिनी देशपांडे ने अभिनय के क्षेत्र में अपने करियर की शुरुआत बहुत छोटी उम्र में की थी। उन्होंने मराठी सिनेमा में अपनी छाप छोड़ी है। अपने 70 साल के लंबे करियर में उन्होंने 100 से अधिक फिल्मों में काम किया है। उनके अभिनय के लाखों प्रशंसा करने वाले थे और आज उनकी विदाई से कला जगत में एक बड़ा रिक्तता उत्पन्न हो गया है। सुहासिनी देशपांडे ने फिल्म ‘सिंघम’ में भी काम किया था।
सुहासिनी के निधन से शोक की लहर
सिनेमा जगत से आज एक और दुखद खबर सामने आई है। पहले तमिल अभिनेता बिजली रमेश के निधन की खबर आई थी, वहीं अब मराठी सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्री सुहासिनी देशपांडे का निधन हो गया है। सुहासिनी ने हिंदी सिनेमा में भी अपने अभिनय का लोहा मनवाया था। उनके निधन से फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है। सुहासिनी देशपांडे ने अपने पुणे स्थित घर पर मंगलवार सुबह अंतिम सांस ली। उनकी अचानक मौत से मराठी सिनेमा को एक बड़ा झटका लगा है। सुहासिनी के निधन से उनके फैंस और चाहने वालों को गहरा दुख हुआ है और लोग सोशल मीडिया के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।
अर्ली करियर और शानदार फिल्में
सुहासिनी ने महज 12 साल की उम्र में अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने अपने लंबे करियर में 70 साल से भी ज्यादा समय तक फिल्म इंडस्ट्री में काम किया। उनके करियर की शुरुआत मराठी सिनेमा से हुई थी, और उन्होंने हिंदी सिनेमा में भी अपनी छाप छोड़ी थी।
सुहासिनी के कुछ बेहतरीन मराठी फिल्मों में ‘मानाचं कुंकू’ (1981), ‘कथा’ (1983), ‘आज झाले मुक्त मी’ (1986), ‘आई शापथ’ (2006), ‘चिरंजीव’ (2016), और ‘ढोंडी’ (2017) शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, ‘बाकाल’ (2019) भी उनकी चर्चित फिल्मों में शामिल है।
हिंदी सिनेमा में भी किया काम
हिंदी सिनेमा में भी सुहासिनी ने अपनी अदाकारी का जलवा बिखेरा था। उन्होंने 2011 में आई सुपरहिट फिल्म ‘सिंघम’ में काम किया था। इस फिल्म में उन्होंने काजल अग्रवाल की दादी का रोल निभाया था। फिल्म रोहित शेट्टी के डायरेक्शन में बनी थी और ये सुहासिनी की हिंदी सिनेमा में आखिरी फिल्म साबित हुई।
सिनेमा जगत में शोक
सुहासिनी देशपांडे के निधन से फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर है। उनके अद्वितीय अभिनय और बहुमुखी प्रतिभा ने उन्हें एक सशक्त कलाकार बना दिया था। उनके निधन से न सिर्फ मराठी सिनेमा, बल्कि पूरे फिल्म जगत को एक अमूल्य क्षति हुई है। उनके फैंस और सिनेमा जगत के लोग उनकी कला और योगदान को हमेशा याद करेंगे।
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