Bholaa Review: ‘भोला’ में मिला एक्शन का ओवरडोज, फिर भी पैसा वसूल है अजय देवगन की ये फिल्म
Bholaa Review
अश्वनी कुमार: 2022 की सबसे बड़ी हिट्स में शुमार थी एक मलयालम फील्म के सीक्वेल की रीमेक दृश्यम-2, जिसमें अजय देवगन ने मुख्य भूमिका निभाई थी। अजय देवगन के इस हिंदी रीमेक वर्ज़न को मलयालम स्टार मोहनलाल की ओरिजिनल से भी बेस्ट माना गया।
अब 2019 में डायरेक्टर लोकेश कनगराज की फिल्म कैथी, जिसे हिंदी में कैदी कह सकते हैं.... कार्थी शिवकुमार स्टारर कैथी ने ऐसी कामयाबी हासिल की, कि इसी से लोकेश के सिनेमैटिक यूनिवर्स की शुरुआत हो गई। अब कैथी का रीमेक नहीं बल्कि हिंदी एडॉप्टेशन को अजय देवगन ने डायरेक्टर किया है।
कैथी का रीमेक है भोला
भोला भी तकरीबन वही है, जो कैथी का बैकड्रॉप था। यानी, एक कैदी है, जो 10 साल के बाद जेल से रिहा हो रहा है। वो अनाथालय में अपनी उस बेटी से मिलने जाना चाहता है, जिसके पैदा होने से अब तक भोला ने उसकी सूरत तक नहीं देखी है, लेकिन हालात को कुछ और मंजूर था।
भोला की कहानी
उसी दिन, एसपी डायना जोसेफ़, 1000 करोड़ की ड्रग्स पकड़ती है, लेकिन इस ड्रग्स का इन्फॉर्मेशन एक सीनियर पुलिस ऑफिसर, अंडरवर्ल्ड डॉन निठारी के छोटे भाई अश्वथामा को लीक कर देता है और साथ ही ये भी बता देता है कि उसके गैंग में कोई पुलिस का इनसाइडर है। एक सीनियर पुलिस ऑफिसर की रिटायरमेंट पार्टी में शामिल होने पहुंचे। इलाके के सारे पुलिस ऑफिसर्स की ड्रिंक में एक ऐसी दवा मिला दी जाती है, जिससे वो कम से कम 8 घंटे तक होश में ना आएं।
बेटी से मिलने जाने को बेताब- भोला
अब होश में हैं एसपी डायना, जिस थाने में हजार करोड़ की ड्रग्स रखी है, वहां है अपनी ज्वाइनिंग के लिए पहुंचे 55 साल के सीनियर कॉन्स्टेबल अंगद यादव और अपनी बेटी से मिलने जाने को बेताब- भोला। भोला को एसपी डायना के साथ मिलकर, चालीस बेहोश पुलिस ऑफिसर्स को मेडिकल मदद पहुंचानी है।
साथ ही लालगंज थाने तक पहुंचना है, जहां ड्र्ग्स को छुड़ाने के लिए अश्वथामा पूरी गैंग के साथ निकल चुका है। तब तक थाने को बचाने की जिम्मेदारी कॉन्स्टेबल अंगद यादव के साथ उस रात गलती से मौजूद 5 स्टूडेंट्स पास है।
एक्शन से भरपूर है फिल्म की कहानी
रास्ते में एसपी डायना को रोकने के लिए और पुलिस वालों को मारने के लिए कई खतरनाक गैंग जाल बिछाकर खड़े हैं, लेकिन भोला तो अपनी मौत, महाकाल को चढ़ाकर आया है। एक रात की इस कहानी में इतना एक्शन है, जो पिछले कई साल में आपने नहीं देखा।
फिल्म में इमोशन और थ्रिल भी भरपूर
इतना इमोशन है, कि आपका दिल भी पसीज जाए, इतना थ्रिल है कि हर बार जो विलेन्स से भोला टकराता है, तो जलजला आ जाता है और थोड़े लाइट मोमेंट भी हैं, जो सिखाते हैं कि हालात कितने भी मुश्किल क्यों ना हों, थोड़ा मुस्कुरा लेना चाहिए।
ऐसा है भोला का संसार
लोकेश कनगराज की इस कहानी में किरदारों और बैकड्रॉप को नया रंग देने की जिम्मेदारी आमिल, आयूष, संदीप और श्रीधर ने उठाई और रच दिया भोला का ऐसा संसार, जहां किरदार और डायलॉगबाज़ी ज़बरदस्त हैं। हां, लोकेशन यानि जियोग्रॉफी और भाषा पकड़ने में उनसे थोड़ी भूल-चूक हुई है, लेकिन वो सबके पकड़ में नहीं आने वाली।
हिंदी सिनेमा में ये होगी एक्शन की नई इबारत
भोला का सबसे बड़ा सरप्राइज है इसका एक्शन। अजय देवगन ने चेज सीक्वेंस से लेकर, पुलिस स्टेशन पर हमले तक में ऐसे-ऐसे और लंबे-लंबे एक्शन ब्लॉक बनाए हैं कि हिंदी सिनेमा में ये एक्शन की नई इबारत होगी। पिक्चर थ्री डी में है, तो मज़ा और ज़्यादा आता है और अगर आप इसे आईमैक्स थ्री डी में देखते है तो बात ही क्या है।
इन सीन्स में बदलाव
अगर आपने कैथी देखी है, तो कुछ सीन्स में आप सोचेंगे कि ये चेंज क्यों आया ?, तो उसका जवाब ये है कि भोला की लोकेशन और कैरेक्टेराइजेशन के मुताबिक फिल्म की डिटेलिंग बदली गई है और अगर आपने कैथी नहीं देखी है, तो ऐसी मास फिल्म देखकर सीटियां बजाएंगे।
भोला के माथे पर लगी भस्म
खासतौर पर त्रिशूल के साथ अजय देवगन ने जो एक्शन ब्लॉक डिजाइन किया है, वो रौंगटे खड़े कर देता है। भोला के माथे पर भस्म और बीच में ख़ून की धार देखकर शरीर में झुरझुरी दौड़ जाती है। अब ये सवाल आप पूछ सकते हैं कि भोला, थाल पर चिकन क्यों खाता है.... तो इसका जवाब भी महाकाल के गण में ही छिपा हुआ है।
तब्बू के हिस्से में ज्यादा एक्शन
परफॉरमेंस पर आइएगा, तो अजय देवगन ने डायरेक्शन के साथ-साथ एक्सप्रेशन और एक्शन का जो ट्रिपल बोनांजा भोला में दिया है, वो बेमिसाल है। तब्बू के हिस्से में ज्यादा एक्शन, कुछ बेहतरीन डायलॉग और इमोशन सब आया है, जिसमें वो जमी हैं। दीपक डोभरियाल का ये पहला निगेटिव कैरेक्टर है और आपको हिलाने के लिए वो काफी है।
भोला को चार स्टार
संजय मिश्रा ने एक हलवदार के तौर पर ऐसे वैरिएशन दिए हैं कि आप तालियां बजाएंगे। गजराज राव और विनीत कुमार भी शानदार हैं। राय लक्ष्मी का आइटम नंबर थोड़ा अटपटा जरूर है, लेकिन अखरता नहीं। अभिषेक बच्चन का कैमियो है और वो बेहद ख़तरनाक है, जो आपको ‘वी वांट मोरट’ वाली फीलिंग देता है। भोला, क्योंकि ये आग का गोला है को 4 स्टार।
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