Sukri Bommagowda Passed Away: बीते दिन संगीत की दुनिया से एक दुखद खबर सामने आई थी जिसमें बताया गया कि शास्त्रीय संगीत के मशहूर दिग्गज गायक पंडित प्रभाकर कारेकर का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है। अब एक और बुरी खबर से इंडस्ट्री में शोक की लहर छा गई है। कर्नाटक की प्रसिद्ध कन्नड़ लोक गायिका और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित सुकरी बोम्मागौड़ा ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। उनकी उम्र 88 साल थी। बताया जाता है कि लोक पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रही थीं। गुरुवार तड़के उन्होंने अपने घर पर अंतिम सांस ली। इस दुखद खबर के बाद सोशल मीडिया पर सुकरी बोम्मागौड़ा को श्रद्धाजंलि दी जा रही है।
5000 लोकगीत गा चुकी थीं सुकरी बोम्मागौड़ा
सुकरी बोम्मागौड़ा कर्नाटक के अंकोला इलाके की हलाक्की वोक्कालिगा जनजाति से संबंध रखती थीं। उनका लोकगीत की दुनिया में बहुत बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने करीब 5000 लोकगीत को अपनी आवाज दी थी। उन्हें हलक्की समुदाय का ‘चलता-फिरता इनसाइक्लोपीडिया’ कहा जाता था। गाने के अलावा सुकरी ने कई सामाजिक आंदोलनों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी। पिछले कुछ वक्त से बीमारी के चलते उन्हें मंगलुरु के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।
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पद्मश्री पुरस्कार से हो चुकी थीं सम्मानित
लोग गायिका सुकरी बोम्मागौड़ा को संग्रह और जनजातीय संगीत की परंपराओं को सहज कर रखने के लिए पहचाना जाता है। इसके अलावा वह कई पुरस्कार से सम्मानित भी हो चुकी थीं। उनके अवॉर्ड पर नजर डालें तो साल 2006 में सुकरी बोम्मागौड़ा को हम्पी यूनिवर्सिटी के नादोजा पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें पद्मश्री पुरस्कार और जनपद श्री समेत कई अवॉर्ड मिल चुके हैं।
निधन पर नेताओं ने जताया शोक
बताया जाता है कि सुकरी बोम्मागौड़ा ने अपने समुदाय में जागरूकता फैलाने के लिए लोकगीतों का सहारा लिया था। उन्होंने शराब की बिक्री के खिलाफ एक बड़े आंदोलन का नेतृत्व भी किया था। सुकरी बोम्मागौड़ा के अचानक निधन पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शोक जताया है। उनके अलावा उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार और केंद्रीय मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने भी अपनी शोक संवेदनाएं व्यक्त की हैं।