UPSC सिविल सेवा परीक्ष के Mains राउंड में आंसर राइटिंग (Answer Writing) एक बेहद जरूरी स्किल होती है। इस स्टेज में लिखित परीक्षा होती है, जिसमें परीक्षार्थियों को बहुत कम समय में सही और सटीक उत्तर लिखने होते हैं। इसी के लिए एक प्रभावी तरीका है – 7-5-3 रूल (Seven-Five-Three Rule)। इस रूल को अपनाकर Mains के लिए आंसर लिखना आसान और व्यवस्थित हो जाता है।
UPSC Mains परीक्षा का पैटर्न
UPSC Mains परीक्षा में कुल 9 डिस्क्रिप्टिव पेपर होते हैं। प्रीलिम्स (Prelims) पास करने के बाद ही छात्र इस स्टेज में पहुंचते हैं। इस परीक्षा की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि 3 घंटे में लगभग 20 सवालों के आंसर लिखने होते हैं। ऐसे में आंसर राइटिंग की स्किल सीखना बहुत जरूरी है।
UPSC Mains में अक्सर इन तरह के सवाल पूछे जाते हैं:
– Comment (टिप्पणी करें)
– Elucidate (व्याख्या करें)
– Discuss (चर्चा करें)
– Critically Evaluate (आलोचनात्मक मूल्यांकन करें)
– Critically Examine (आलोचनात्मक विश्लेषण करें)
क्या है 7-5-3 रूल?
दरअसल, 7-5-3 रूल UPSC Mains आंसर राइटिंग की एक सरल और असरदार रणनीति है। इसका मतलब है:
SEVEN (7 मिनट):
हर आंसर को 7 मिनट में पूरा करने की कोशिश करें। इससे सभी सवालों के लिए पर्याप्त समय मिल पाएगा।
FIVE (5 पॉइंट्स):
अपने आंसर को 5 मुख्य बिंदुओं में बांटें। बेहतर होगा अगर इन्हें बुलेट पॉइंट्स में लिखा जाए ताकि आंसर साफ और संक्षिप्त लगे।
THREE (3 दृष्टिकोण):
हर बिंदु को 3 अलग-अलग दृष्टिकोणों (Perspectives) से समझाएं। जैसे:
– सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक दृष्टिकोण
– पक्ष में, विपक्ष में, और संतुलित निष्कर्ष
– क्या है, क्यों है, और कैसे है
7-5-3 रूल का उपयोग कैसे करें?
प्रश्न को 2 बार ध्यान से पढ़ें और उसके मुख्य शब्द (Keywords) पहचानें।
एक संक्षिप्त परिचय (Introduction) लिखें।
उसके बाद 5 पॉइंट्स लिखें जो प्रश्न से जुड़े हों।
हर पॉइंट्स को तीन दृष्टिकोणों से समझाएं।
अंत में एक संक्षिप्त निष्कर्ष (Conclusion) लिखें।
उदाहरण प्रश्न (Example Question):
“Explain the role of geographical factors towards the development of Ancient India.”
(प्राचीन भारत के विकास में भौगोलिक कारकों की भूमिका स्पष्ट करें)
आंसर स्ट्रक्चर (7-5-3 रूल के अनुसार):
परिचय: भौगोलिक कारकों का सभ्यता निर्माण में योगदान
पांच बिंदु:
नदियां – सिंचाई और कृषि के लिए
पर्वत – सुरक्षा और सीमाएं
समुद्री मार्ग – व्यापार और सांस्कृतिक संपर्क
जंगल – संसाधन और जीवन
सिंधु घाटी – भौगोलिक अनुकूलता
तीन दृष्टिकोण:
सामाजिक प्रभाव
आर्थिक विकास
राजनीतिक संरचना
निष्कर्ष: भौगोलिक कारकों ने भारत की प्राचीन सभ्यताओं के विकास में अहम भूमिका निभाई।
अन्य सुझाव:
ज़रूरत हो तो फ्लोचार्ट या डायग्राम बनाएं।
कोचिंग इंस्टीट्यूट द्वारा दिए गए मॉडल आंसर्स को देखें।
अपने आंसर्स की तुलना करें और सुधार करें।
रोजाना कम से कम 1-2 आंसर इस रूल को अपनाकर लिखें।