नई दिल्ली: देश भर के कॉलेजों में एडमिशन के लिए आयोजित की जाने वाली सीयूईटी यूजी परीक्षा में लगातार आ रही तकनीकि खराबी और इससे नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के आगे के प्लान्स पर पढ़ने वाले असर पर यूजीसी चेयरमैन जगदीश कुमार ने अपनी राय व्यक्त की है।
उन्होंने कहा है कि कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) के शुरुआती चरणों में आई तकनीकी गड़बड़ियों से महत्वपूर्ण परीक्षा के लिए विस्तार योजना प्रभावित नहीं होगी, जिसमें जेईई और एनईईटी के साथ विलय का प्रस्ताव शामिल है। उनके मुताबिक इसमें जल्दबाज़ी भी नहीं की जाएगी।
यूजीसी चेयरमैन ने कहा कि परीक्षा के संचालन में आने वाली समस्याओं को जल्द ही दूर कर लिया जाएगा और परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जाएगी। उन्होंने आगे ये भी कहा कि सीयूईटी-यूजी के शुरुआती चरणों में तकनीकी खामियां झटके नहीं बल्कि सबक हैं। निकट भविष्य में उन्हें दूर कर लिया जाएगा और यह किसी भी तरह से महत्वपूर्ण परीक्षा के विस्तार या विस्तार की योजना को नहीं रोकेगा।”
यूजीसी अध्यक्ष जगदीश कुमार ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत कई प्रवेश परीक्षाएं दे रहे छात्रों पर बोझ कम करने के लिए एक कॉमन एंट्रेंस टेस्ट आयोजित करने की योजना है। हालांकि हम ये सब चीजें जल्दबाजी में नहीं करेंगे। इस पर अच्छी तरह से योजना बनाने की आवश्यकता है।
यूजीसी अध्यक्ष के मुताबिक इस महीने के अंत तक एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया जाएगा। ये कमेटी देश भर में साल भर में होने वाली हर परीक्षा की समीक्षा करेगी और फिर इन सभी को एक साथ करवाने को लेकर प्लान तैयार करेगी। जगदीश कुमार के मुताबिक दो परीक्षाओं के एक साथ कराते समय हमें दोनों का डिफिकल्टी लेवल भी देखना होगा और फिर चयन करना होगा।